लोग मंदिर में अपनी मन्नत लेकर जाते है और उस मन्नत के पुरे होने पर भगवान को खुश करने के लिए तरह-तरह की भेंट चढ़ाते है। पंडित उनको प्रसाद देते है लेकिन क्या आपको कभी प्रसाद के रूप में सोना मिला है। जी हां, आज हम एक ऐसे ही मंदिर की बात कर रहे है, जहां प्रसाद के नाम पर भक्तों को सोने के गहने मिलते है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के रतलाम का सबसे प्रसिद्ध महालक्ष्मी का मंदिर है, लेकिन साल में कुछ दिन के लिए ही इस मंदिर में कुबेर का दरबार लगता है। आइए जानते है इस कुबेर का दरबार लगने का कारण...
यहां कई लोग आकर करोड़ों रूपए के गहने और नगदी के रूप में चढावा चढ़ाते है। खासकर यह मंदिर धनतेरस से लेकर दिवाली के दिन तक चांदी, सोने और नोटों से भरा रहता है क्योंकि इन दिनों लोग इस मंदिर में अपनी इच्छा से चढ़ावा चढ़ाने आते है। फिर दिवाली के बाद इस मंदिर में जाने वाले भक्तों को प्रसाद के रूप में ये आभूषण और नगदी बांट दिए जाते हैं। लोग बहुत दूर-दूर से इस प्रसाद को लेने के लिए पहुंच जाते है। कहा जाता है कि लोग इस प्रसाद को शगुन और शुभ मानते हुए कभी खर्च नहीं करते। अपने पास संभालकर रखते है।
मंदिर में हर चढ़ावे का हिसाब रखा जाता है ताकि भक्तों को उनका चढ़ावा वापिस मिल सकें। इस मंदिर इस जांच को रखने के लिए पूरा प्रबंध किया हुआ है। लोग चढ़ावे की इस परंपरा को देखने के लिए हर साल दूर-दूर से आते है।