वैसे तो भारत में घूमने-फिरने के लिए बहुत से खूबसूरत मंदिर है लेकिन आज हम आपको अजमेर के मंदिर में बनी सोने की अयोध्यानगरी के बारे में बताने जा रहें है। अजमेर में बने इस खूबसूरत मंदिर को बनने में करीब 25 साल लग गए थे। यहां पर आप कांच और लकड़ी की बारीक कारीगरी का बेजोड़ नमूना देख सकते है। इस मंदिर की कारीगरी देखने के लिए हर साल देश-विदेश से भारी संख्या में टूरिस्ट आते है। आइए जानते है इस अयोध्यानगरी के बारे में कुछ और बातें।
दिगंबर जैन समाज की श्रद्धा के प्रतीक इस मंदिर को राय बहादुर सेठ मूलचंद नेमीचंद सोनी ने इसे बनवाया। इस मंदिर के एक कमरे में सोने की अयोध्यानगरी बनाई गई है। इस मंदिर में आप स्वर्ण, कांच और लकड़ी की बारीक कारीगरी का बेजोड़ नमूना देख सकते है।
भगवान ऋषभदेव या श्री सिद्धकूट चैत्यालय के नाम से मशहूर इस मंदिर को देखने के लिए भारी संख्या में टूरिस्ट आते है। लाल पत्थर से बने होने के कारम इस मंदिर को लाल मंदिर भी कहा जाता है। इसके अंदर बनी अयोध्यानगरी को बनाने में करीब 25 साल लग गए। इस अयोध्यानगरी को मंदिर के पीछे एक विशाल भवन में बनाया गया है। इसके अंदर आप सुंदर रंगों, अनुपम चित्रकारी और कांच की कला का नमूना देख सकते है।
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