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मां-बाप की ये 5 गलतियां बुलवाती हैं बच्चे से झूठ

  • Updated: 09 Mar, 2017 06:06 PM
मां-बाप की ये 5 गलतियां बुलवाती हैं बच्चे से झूठ

 पेरेंटिंग :  बच्चे जब बड़े होने लगते हैं तो मां-बाप से बहुत- सी बातें छिपाना शुरू कर देते हैं। पेरेंट्स के ज्यादा सख्त व्यवहार की वजह से बच्चे अपने मन की बात उनसे शेयर नहीं कर पाते। बच्चोें को हर छोटी-मोटी बात पर डांटने और गुस्सा करने से वह अपने परिजनों से झूठ बोलना शुरू कर देते हैं। मां-बाप को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ दोस्तों जैसा व्यवहार करें लेकिन ज्यादातर ऐसा नहीं होता। जानिए ऐसे 6 कारण जिस वजह से बच्चे अपने मां-बाप से झूठ बोलने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

1. अधिक रोक-टोक
कुछ मां-बाप बच्चों को बिगड़ने से बचाने के लिए उन पर जरूरत से ज्यादा रोक-टोक लगा देते हैं। जवान बच्चे कहीं गलत संगत में न पड़ जाए इसके लिए पेरेंट्स उन्हें कहीं  बाहर जाने और ज्यादा दोस्त बनाने से भी मना करते हैं। जिस वजह से अधिक रोक-टोक के कारण बच्चे घरवालों से बातें छिपाने लगते हैं और झूठ बोलना शुरू कर देते हैं।

2. आपसी झगड़े
मां-बाप के आपसी झगड़ों की वजह भी बच्चों के झूठ बोेलने का कारण बनती है। अपने पेरेंट्स को छोटी-छोटी बातोें पर लड़ते देखकर बच्चों के मन में डर की भावना पैैदा हो जाती है जिस वजह से वह अपने साथ बीती कोई अच्छी या बुरी बात बताने में संकोच करते हैं। इस तरह धीरे-धीरे उसे झूठ बोलने और बातें छिपाने की आदत पड़ जाती है।

3. शक करना
बदलते लाइफस्टाइल और इंटरनेट की दुनिया में आजकल के बच्चे अकेले रहना ही पंसद करते हैं। वह ज्यादा समय मोबाइल फोन के साथ ही बिताकर खुश रहते है। ऐसे में पेरेंट्स को लगता है कि बच्चे उनसे कोई बात छिपा रहे हैं और उन पर शक करना शुरू कर देते हैं। इस वजह से बच्चों और मां-बाप के बीच एक दीवार बन जाती है और वे झूठ  बोलने और बातें छिपाने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

4. विश्वास की कमी
मां-बाप जब बच्चों पर विश्वास न करके बाहर वाले लोगों की बातों को ही सच समझते हैं तो ऐसे में बच्चों को झूठ बोलना ही सही लगता है। पेरेंट्स को चाहिए कि अपने बच्चों पर विश्वास करें। अगर बच्चा झूठ भी बोले तो भी मां-बाप को उसे प्यार से  समझाना चाहिए।

5. पढ़ाई का दबाव
बच्चों पर पढ़ाई का ज्यादा दबाव डालने से भी उनमें झूठ बोेलने की समस्या पैदा हो जाती है। कई बार पेपर में कम नंबर आने की वजह से पेरेंट्स बच्चों को बहुत गुस्सा करते हैं और कुछ मां-बाप तो अपने बच्चों को कड़ी सजा देने में भी संकोच नहीं करते जिस कारण अगली बार से बच्चे पेरेंट्स को अपने पेपर दिखाने और सही नंबर बताने से डरते हैं। कई बच्चे तो डर की  वजह से मार्क शीट पर अपने मां-बाप के खुद ही हस्ताक्षर कर देते हैं। 

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