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छोटे बच्चे में पीलिया रोग के लक्षण पहचान कर करें उपचार

  • Updated: 05 Mar, 2018 11:26 AM
छोटे बच्चे में पीलिया रोग के लक्षण पहचान कर करें उपचार

नवजात शिशु को पीलिया होना आम बात है, लेकिन इसका समय पर इलाज न होने पर बच्चे को केर्निकेटरस नामक बीमारी हो सकती है। जिससे बच्चे के दिमाग को नुकसान होने के साथ यह जानलेवा भी हो सकती है। पीलिया की शिकायत होने पर बच्चे का शरीर, चेहरा और आंखों का रंग पीला पड़ने लगता है। पीलिया होने का कारण शरीर में बिलीरूबिन की मात्रा का बढ़ना है। बच्चे का शरीर पूरी तरह विकसित न होने के कारण उसका लीवर ब्लड से बिलीरूबिन को बाहर नहीं निकाल पाता। जिसके कारण पीलिया अर्थात जॉन्डिस की शिकायत हो जाती है इसलिए बच्चे के ब्लड में बिलीरूबिन की समय-समय पर जांच करवानी चाहिए।

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1. पीलिया रोग के लक्षण
 बच्चे का शरीर, चेहरा और आंखे पीली पड़ने लगती है।
 शिशु का स्वभाव चिड़चिड़ा होने लगता है।
 वह लगातार रोने लगता है।
 बच्चें के नाखून पीले पड़ने लगते है।

2.शिशु को इस तरह बचाए पीलिया रोग से 

1. स्तनपान 
शिशु के शरीर बिलीरुबिन की मात्रा को कम करने के लिए उसे बार-बार स्तनपान करवाएं ताकि उसे ज्यादा से ज्यादा बाथरूम आए। पीलिए की शिकायत होने पर बच्चे को नींद बहुत ज्यादा आती है इसलिए बच्चे को 2-3 घंटे के बाद स्तनपान कराते रहें। अगर बच्चा स्तन से दूध नहीं लेता तो आप बच्चे को दूध निकाल चम्मच से भी दे सकती है।

2. सूरज की रोशनी दिलाएं

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पीलिया होने पर सूरज की किरणें प्राकृतिक उपचार है। बच्चे के शरीर पर सूरज की किरणें पड़ने पर शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा कम होती है। बच्चे को धूप में 1-2 घंटे तक रखें। इसके लिए बच्चे को सीधा धूप में न लिटाएं।

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