भारत में एक से बढ़कर किले और महल है। जो अपनी खूबसूरती और खासियत के लिए मशहूर हैं। आज हम आपको मध्य प्रदेश के ग्वालियर किले के बारे में बताएंगे। इस किले को मध्य प्रदेश की शान कहा जाता है। ग्वालियर किले का निर्माण 8 वीं शताब्दी में हुआ था। यह किला तीन वर्ग किलोमीटर में फैला है। इसकी ऊंचाई 35 फीट है।
किले में कई ऐतिहासिक स्मारक, बुद्ध-जैन मंदिर, महल जैसे गुजारी महल, मानसिंह महल, जहांगीर महल, करण महल, शाहजहां महल भी मौजूद हैं। यह ग्वालियर शहर का प्रमुख स्मारक है जो गोपांचल नामक छोटी पहाड़ी पर स्थित है।
किले की चार दिवारी को बहुत अच्छे से सजाया गया है। इस के अंदर जाने के लिए 2 दरवाजे हैं। एक ग्वालियर गेट कहलाता है जहां से सिर्फ पैदल जाने वाले लोग ही जा सकते हैं। दूसरे गेट से गाड़ी अंदर जा सकती हैं।
किले के मुख्य प्रवेश द्वार को हाथी पुल के नाम से जाना जाता है। ये द्वार सीधा मान मंदिर की ओर खुलता है।
इसके साथ ही एक खूबसूरत तलाब भी है। इस तलाब को लेकर लोगों का मानना है कि उसके पानी को पीने से लोगों के सारे रोग दूर हो जाते हैं। लाल बलुए पत्थर से निर्मित यह किला देश के सबसे बड़े किलों में से एक है और भारतीय इतिहास में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।
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