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नवजात के पैदा होते ही क्यों हो रही हैं ये गलतियां?

  • Updated: 30 Jan, 2017 05:05 PM
नवजात के पैदा होते ही क्यों हो रही हैं ये गलतियां?

पेरेंटिंग: मां बनने का एहसास हर औरत के लिए बहुत सुखद होता है। पहली बार बच्चे को अपनी गोद में लेने का वो एहसास उसे जिंदगी भी ममता में बांधे रखता है, वहीं नवजात भी अपने मां के स्पर्श को पाकर खुद को सुरक्षित महसूस करता है।

हालांकि अब बच्चे को पैदा होते ही तुंरत आंकलन और साफ-सफाई के लिए भेज दिया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद ही उसे मां को सौंपा जाता है जबकि बच्चों को तुरंत बाद इनक्यूबेटर या आंकलन की बजाए मां के स्पर्श की ही जरूरत होती है।

मां का वो पहला स्पर्श 

दरअसल, 9 महीने मां की कोख मेें रहने के बाद वह उसके सुरक्षित कोकून से बाहर निकलकर काफी घबराहट महसूस करता है। कोख से ही नवजात शिशु अपनी मां की आवाज़, गंध और स्पर्श की पहचान रखता है। वह भ्रूण अवरण द्रव की महक को महसूस करता है और मां के श्वास और दिल की धड़कन को अच्छे से पहचानता है। त्वचा से त्वचा का संपर्क नवजात के शारीरिक तापमान, हार्ट बीट और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इससे मां और बच्चा दोनों ही सुरक्षित और शांत महसूस करते हैं। 

Medela India Lactation Consultant's Club की मैंबर व डॉक्टर विजया कृष्णन के अनुसार, नवजात को जन्म के पहले 48 घंटे में स्तनपान करवाना भी बहुत जरूरी है लेकिन आजकल इंफैक्शन के डर से ज्यादातर नर्सें स्तनों को दवा युक्त रूई के साथ साफ कर देती हैं, जिससे वह गंध भी खत्म हो जाती हैं जिससे नवजात अपने मां के स्पर्श को पहचानता है हालांकि वह मां के स्तनों को साफ करने से लेकर बच्चे की सफाई तक वह सब चीजें हटा देते हैं जो नवजात के लिए बहुत जरूरी होती है। लेकिन मां के ये बैक्टीरिया, बच्चे के लिए वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, जिन्हें माइक्रोबायोम्स (microbiomes) कहते हैं।  

इसलिए हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि नवजात का पहला वातावरण उसकी मां की कोख से जुड़ा था। नवजात पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर होता है और जन्म के तुरंत बाद ही मां से अलग कर देना पूरी तरह गलत है, चाहे वह सीजेरियन डिलीवरी ही क्यों ना हो। क्योंकि नॉर्मल हो या सीजेरियन डिलीवरी, बच्चा अपनी मां के स्पर्श को पहचान ही लेता है।

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