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शर्माने के बजाए इन तरीकों से सुलझाएं बेटी की पीरियड्स प्रॉब्लम

  • Updated: 12 Jan, 2018 01:33 PM
शर्माने के बजाए इन तरीकों से सुलझाएं बेटी की पीरियड्स प्रॉब्लम

पीरियड्स एक ऐसा नैचुरल प्रोसेस है, जिससे सभी औरतों को गुजरना पड़ता हैं।पीरियड्स की शुरूआत 12 से 14 साल के बीच होने लगती है। बदलते लाइफस्टाइल में यह समस्या घर की चारदीवारी में न रहकर बल्कि इस पर खुल कर चर्चा होने लगी है लेकिन आज भी कुछ महिलाएं इस विषय पर खुलकर बात करने से डरती है। यहां तक की एक मां अपने बेटी को इसकी जानकारी देने से शर्माती है लेकिन बेटी को इस के बारे समय आने पर जानकारी देना बहुत जरूरी है, जो मां की जिम्मेदारी भी है। ऐसे में अपनी बेटी को पीरियड्स के बारे में बताते समय घबनाए नहीं। आज हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे, जिनको फॉलो करके आप बिना किसी झिझक के बेटी के साथ पीरियड्स से जुड़ी बात कर सकती है। 


1. हार्मोनल बदलाव बताएं
बेटी को पहले महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव की जानकारी दें। उसे बताएं कि इस बदलाव के कारण महिलाओं में चिड़चिड़ी और तनाव होना स्वाभाविक है। बेटी को बताएंगे कि यह प्रक्रिया किसी एक लड़की में नहीं बल्कि इस उम्र की हर लड़की होती है। 


2. साफ-सफाई जानकारी दें
पीरियड्स की जानकारी देते हुए कहें कि यह नैचुरल प्रोसेस है, जिससे हर लड़की गुजरती है। यह प्रोसेस उनकी अच्छी सेहत के लिए जरूरी भी है। इसके बाद बेटी को नैपकीन का इस्तेमाल करने और उसे डिस्पोज करने, साफ-सफाई रखने की जानकारी दें। 


3. टीवी या किताबों के जरिए
बहुत सी लड़कियों को तो इसके बारे में जानकारी ही नहीं होती है, जिस वजह से फर्स्ट टाइम पीरियड्स आने पर लड़कियां घबरा जाती है। इसलिए उन्हें समय पर इसकी जानकारी देना बहुत जरूरी है। टीवी में अक्सर आने वाली नैपकिन एड के बारे में अगर बेटी सवाल करें तो वह समय उसको पीरियड्स की जानकारी देने के लिए बैस्ट होगा।


4. सैनिटरी नैपकिन के बारे में बताएं
बेटी को सैनिटरी नैपकिन जानकारी दें। नैपकीन को यूज करने का तरीका और  कितने समय में उसे बदलना है, शुरूआती समय में बेटी के लिए यह जानकारी काफी मयाने रखती है। इसलिए इसके बारे में कोई शर्मिंदगी महसूस न करें। 

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