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Himachal Pradesh

शिक्षा मंत्री का ऐलान, PTA, PAT, PARA और SMC के लिए बनेगी नीति

  • Updated: 29 Mar, 2018 11:16 PM
शिक्षा मंत्री का ऐलान, PTA, PAT, PARA और SMC के लिए बनेगी नीति

शिमला: राज्य सरकार पी.टी.ए., पैट, पैरा और एस.एम.सी. अध्यापकों के नियमितीकरण को लेकर नीति बनाएगी। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने वीरवार को यह बात सदन में कही। विपक्ष द्वारा शिक्षा पर लाए गए कटौती प्रस्ताव के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि पी.टी.ए मामले पर सुप्रीम कोर्ट से भी केस वापस लिया गया है, ऐसे में सरकार सभी पहलुओं को देखते हुए पी.टी.ए. के साथ-साथ पैरा, पैट और एस.एम.सी. अध्यापकों के लिए भी ठोस पॉलिसी बनाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकतर स्कूलों में 6,000 और 22,000 रुपए वेतन वाले अध्यापक एक ही कक्षा को पढ़ा रहे हैं, ऐसे में उन्होंने शिक्षकों के वेतन में भेदभाव को खत्म करने की बात भी कही। शिक्षकों की ट्रांसफर नीति पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसे लेकर प्रदेश के किसी भी शिक्षक ने विरोध नहीं किया है और विरोध करने वाला सिर्फ ट्रांसफर माफिया ही है। 


सरकार ने नहीं बनाई तबादला नीति 
उन्होंने कहा कि सरकार ने न तो कोई तबादला नीति नहीं बनाई है और न ही फिलहाल इस पर कोई विचार चल रहा है। उन्होंने स्थानांतरण नीति में बदलाव की आशंकाओं को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में लगभग 12,500 शिक्षक ऐसे हैं जो म्यूचुअल तबादलों के आधार पर एक से दूसरी जगह घूम रहे हैं जबकि बाकी 90,000 शिक्षकों को स्थानांतरण से कोई सरोकार नहीं है और उन्हें जहां भेजा जाता है, वे वहां चले जाते हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार पॉलिसी लाने जा रही है। उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि तबादला नीति या एक्ट बनाने के लिए स्टेक होल्डर्स के साथ-साथ विधायकों से भी चर्चा की जाएगी। 


वर्ष 1982 में बनी थी तबादला नीति 
उन्होंने कहा कि वर्ष 1982 में स्वामी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तबादला नीति बनी थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक किसी भी शिक्षण संस्थान को बंद करने का निर्णय नहीं लिया है। शिक्षा मंत्री के जवाब के बाद विपक्षी सदस्य भड़क गए और उन्होंने कुछ समय तक शोर-शराबा किया। इस बीच विपक्ष की तरफ से लाया गया कटौती प्रस्ताव प्रस्ताव गिर गया। इस दौरान  विपक्षी सदस्य वॉकआऊट कर सदन से बाहर चले गए और कुछ देर में वापस लौट आए।


पूर्व सरकार ने रूसा को गलत ढंग से किया लागू
शिक्षा मंत्री ने पूर्व कांग्रेस सरकार पर रूसा को गलत ढंग से लागू करने का आरोप लगाया और कहा कि यह प्रणाली केवल कालेजों में ही लागू की गई है तथा विश्वविद्यालय में इसे लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में इसकी इम्प्लीमैंटेशन गलत हुई है। उन्होंने कहा कि रूसा में खामियों को दूर करने के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से पहले एक्सपर्ट कमेटी बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रूसा को लेकर भाजपा के विजन डॉक्यूमैंट में किए गए वायदे को पूरा किया जाएगा।


निजी स्कूलों पर आर.टी.ई. के तहत कसेगी नकेल
निजी स्कूलों की मनमानी पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन स्कूलों पर शिक्षा का अधिकार कानून के तहत नकेल कसी जाएगी। उन्होंने कहा कि जो निजी स्कूल आर.टी.ई. के मानकों के तहत खरे नहीं उतरेंगे, उन निजी स्कूलों को बंद किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार शीघ्र निजी स्कूलों की फीस निर्धारण का नियंत्रण अपने हाथ में लेगी। उन्होंने कहा कि आई.टी.ई. एक्ट के तहत उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो भारी फीस वसूल रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने विपक्ष के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों की सराहना की।


कालेजों में फिर से वार्षिक परीक्षा प्रणाली 
हिमाचल केकालेजों में फिर से वार्षिकपरीक्षा प्रणाली लौट सकती है। यह परीक्षा प्रणाली कालेजों में रूसा प्रणाली लागू होने के बाद खत्म कर दी गई है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार द्वारा कालेजों में फिर से वार्षिक परीक्षा प्रणाली बहाल करने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा।

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