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दवाइयों से नहीं, नैचुरल एंटीबायोटिक्स से करें इलाज

  • Updated: 16 Dec, 2016 02:50 PM
दवाइयों से नहीं, नैचुरल एंटीबायोटिक्स से करें इलाज

नानी मां के नुस्खे: लोग संक्रमण या कई तरह की बीमारियों से निजात पाने के लिए एंटीबायोटिक का सहारा लेते हैं। लगातार एंटीबायोटिक्स दवाइयों का इस्तेमाल करने से सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ता हैं। ऐसे में आप घरेलू तरीके अपनाना ही पसंद करते है। अगर आप मैडिकल से मिलने वाली एंटीबायोटिक्स दवाइयों के इस्तेमाल से बचना चाहते है तो आज हम आपको घर पर नैचुरल तरीके से 5 प्रकार के एंटीबायोटिक्स बनाने के बारे में बताएंगे, जिनके इस्तेमाल से सेहत को कोई नुकसान नहीं बल्कि फायदा ही फायदा होता। 

 


1. लहसुन

लहसुन प्राकृतिक पेन किलर होने के साथ-साथ एंटीबायोटिक, एंटीवायरल, एंटीपैरासाइटल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्सीडेंट भी है। लहसुन की कलियां खाने हर तरह के दर्द और हार्ट मरीजों के लिए मददगार साबित होता है। 

2. हल्दी

यह एंटीबायोटिक आर्थराइटिस, पेटददर्र्, सिरदर्द, दांत के दर्द, हार्टबर्न और पेट के कीड़े दूर करने लाभकारी होता है। हल्दी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल रखती है। 

3. लौंग

लौंग में एंटीबायोटिक, एंटीसेप्टिक, एंटीमाइक्रोबियल आदि गुण होते हैं। इससे दांत दर्द, सिरदर्द अस्थमा, पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करती है। 

4. शहद

शहद मुंह के छालों के लिए काफी फायदेमंद है। इसके अलावा पेटदर्द, कटने, जलने आदि में बहुत कारगर सिद्ध होता है। शहद को पुरुषों में होनेवाली इंफर्टिलिटी को दूर करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। 

5. अदरक

बेहतरीन पेन किलर होने के साथ यह ऐसा एंटीबायोटिक्स है, जो पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। अदरक के सेवन से सांस संबंधी बीमारियों भी दूर होती है। 

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