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डांसर मृणालिनी का गूगल ने बनाया डूडल, 20 हजार लोगों को सीखा चुकी है डांस

  • Updated: 11 May, 2018 01:38 PM
डांसर मृणालिनी का गूगल ने बनाया डूडल, 20 हजार लोगों को सीखा चुकी है डांस

कुछ लोग अपनी जिंदगी में ऐसे महान काम कर जाते हैं, जिनके लिए दुनिया में उनका नाम हमेशा के लिए याद रखा जाता है। ऐसा ही एक नाम है मृणालिनी साराभाई, आज गूगल ने डूडल बनाकर उनके जन्म दिन पर उन्हें याद किया है। क्लासिकल डांस को नई बुलंदियों तक पहुंचाने का का श्रेय उन्‍हें ही जाता है। पांच साल की उम्र में ही उन्होने अपनी मां को कह दिया था कि मैं डांसर हूं। यह ऐसा नाम है जिन्हें उनके काम के लिए युगों-युगों तक याद किया जाता रहेगा। आज उनका 100 वां जन्मदिन है। आइए जाने उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें। 

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1. मृणालिनी साराभाई का जन्म 11 मई 1918 में हुआ था। केरल में जन्मी मृणालिनी के पिता का नाम एस स्वामीनाथन था। जो मद्रास हाईकोर्ट में क्रिमिनल लॉयर थे। 
 

2. उनकी मां एवी अम्‍मुकुट्टी को अम्‍मू स्‍वामीनाथन के नाम से जाना जाता था जो समाजसेवी और स्वतंत्रता सेलानी भी थीं। 
 

3. मृणालिनी के बड़े भाई वकील और बड़ी बहन लक्ष्मी सहगल स्‍वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के तहत बनी 'झांसी की रानी रेजिमेंट' की कमांडर इन चीफ थीं। उनके परिवार की तरह वह भी देश के लिए कुछ अलग करना चाहती थी।  
 

4. रबींद्रनाथ टैगोर को अपना मार्गदर्शन मानने वाली मृणालिनी का शुरुआती बचपन स्विट्जरलैंड में बीता। रबींद्रनाथ टैगोर के मार्गदर्शन में ही उन्होने शांतिनिकेतन में पढ़ाई की। जिंदगी के कुछ साल अमेरिका में बीताने के बाद वह भारत वापिस लौटी और  फिर मीनाक्षी सुंदरम पिल्‍लई से भरतनाट्यम सीखा। भरतनाट्यम के अलावा उन्होने गुरु कुंचु कुरुप से कथकली की ट्रेनिंग भी ली। 
 

5. मृणालिनी ने 1942 में विक्रम साराभाई से शादी की लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि मृणालिनी और विक्रम साराभाई की शादीशुदा जिंदगी खुशहाल नहीं थी। 
 

6. डांस के साथ-साथ मृणालिनी ने नॉवल्‍स, कविताएं, नाटक और बच्‍चों की कहानियां भी लिखीं। जो लोगों के लिए प्रेरणा बनी। 
 

7. मृणालिनी साराभाई को 1965 में पद्मश्री और 1992 में पद्म भूषण से सम्‍मानित किया गया। 1994 में संगीत नाटक अकादमी की फेलोश‍िप दी गई। 

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8. क्‍लासिकल डांस के क्षेत्र में 'मृणालिनी साराभाई अवॉर्ड फॉर क्‍लासिकल एक्‍सीलेंस' अवॉर्ड दिया जाता है। 
 

9. उन्हें अपनी जिंदगी में लगभग बीस हजार लोगों को नृत्य की बारीकियां सिखाई थी। 


10. 21 जनवरी 2016 को अहमदाबाद में उनका निधन हुआ। 

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