रिलेशनशिप: मां और बच्चे का रिश्ता दुनिया के सभी रिश्तों से पवित्र रिश्ता माना जाता है।एक औरत जब मां बनती है तब वह संपूर्ण हो जाती है। जिस दिन एक नन्ही परी उसकी कोख से जन्म लेती है तो एक औरत खुद पे गर्व महसूस करती है क्योंकि एक बेटी के रूप में उसने फिर से खुद जन्म लिया। एक बेटी के रूप में वो अपना बचपन फिर से जीती है।
1.अनमोल रिश्ता
मां और बेटी का रिश्ता दुनिया के सभी रिश्तों से अनमोल रिश्ता है। जब नन्ही परी चलना शुरू करती है,तो उसकी मासूम सी हंसी और उसके खेलने के तरीकों में मां अपना बचपन ढूंढती है।
2.अच्छी दोस्त
इस प्यारे से रिश्ते में कितने ही मधुर अहसास छिपे होते है। मां और बेटी अच्छी दोस्त भी होती हैं, दोनों अपनी हर छोटी से छोटी बात एक दूसरे से शेयर करती हैं। दोनों में से किसी को भी कोई तकलीफ होती है तो वे एक दूसरे के लिए तडफ उठती है।
3.शिक्षिका
बेटी की पहली शिक्षक मां ही होती है। बेटी को अच्छे संसकार मां से ही मिलते हैं। मां अपनी बेटी को जिंदगी में आने वाली सभी मुश्किलों से निपटना भी सिखाती है।
4.बुढ़ापे का सहारा
आज की बेटी पढ़ी लिखी और कमाने वाली है, वो बेटो से भी बढ़कर मां बाप के बुढ़ापे का सहारा बन रही है। मां बाप के हर दुख सुख में काम आती है। सच में कहें तो जिस घर में बेटियां होती है उस घर में भगवान का वास होता है।