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सावधान! सिगरेट से भी खरतनाक है मारिजुआना ड्रग

  • Updated: 27 Jul, 2017 05:51 PM
सावधान! सिगरेट से भी खरतनाक है मारिजुआना ड्रग

स्मोकिंग सेहत के लिए हानिकारक है, कुछ कम उम्र के लोग इस नशे की दलदल में धंसते ही चले जाते हैं। जिसका गलत असर उनकी जिंदगी में बढ़ता ही जाता है और दिनों-दिन इंसान को अपने घेरे में ले लेता है। स्मोकिंग के अलावा आजकल के युवा मारिजुआना ड्रग की बुरी लत का भी शिकार हो रहे हैं जो उनको शारीरिक से साथ-साथ मानसिक रूप से भी नुकसान पहुंचा रहा है। 
 

क्या है मारिजुआना 
मारिजुआना को लोग भांग,गांजा,डोप और न जाने कौन-कौन से नामों से जानते हैं। यह नशीला पदार्थ युवाओं की जिंदगी को पूरी तरह से बर्बाद करने में लगा हुआ है। लोग इसका इस्तेमाल कई तरीको से करते हैं और कहा जाता है कि यह दवाइयों में भी प्रयोग होता है लेकिन यह कहना मुश्किल होगा कि यह बीमार लोगो के लिए लाभदायक है या नहीं। इसका लगातार लंबे समय तक ड्रग का तरह इस्तेमाल करने से इंसान मानसिक तौर पर बुरी तरह से बीमार पड़ सकता है। 

मस्तिष्क पर मारिजुआना का प्रभाव
हाल ही में अमरीका में मारिजुआना को लेकर युवाओं पर लंबे समय तक शोध करने पर यह बात सामने आई की इसके सेवन से मस्तिष्क के आकार में तेजी से बदलाव आता है। जिससे तनाव और पढ़ाई को लेकर दिमाग में तरह-तरह के अवसाद पैदा होने शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा दूसरे लोगों के साथ असामाजिक व्यवहार और आर्थिक तंगी इसी के वजह से बढ़ती जाती हैं। 

इसके हैं कई नुकसान
मारिजुआना इंसान के सोचने-समझने की शक्ति को धीरे-धीरे खत्म करता जाता है। यह परेशानी तब तक बढ़ती जाती है,जब तक इंसान इसका आदी रहता है। इसमें सिगरेट से पांच गुणा ज्यादा मोनो-ऑक्साइड और दो गुणा ज्यादा तार की मात्रा होती है जो फेफड़ों को खराब करके कैंसर के खतरे को भी बढ़ाता है। इसके साथ ही यह दिल पर भी बुरा असर डालता है। इसके सेवन से धडकने बढ़ना, सिरदर्द,बेचैनी,कब्ज,यूरिन की दिक्कत ,आंखे लाल होना जैसी और भी कई सेहत संबंधी परेशानियां होनी शुरू हो जाती हैं। 

युवाओं की जिंदगी को खतरा
हर युवा चाहता है कि वह तरक्की की राह पर चले,पढ़े और तरक्की करे। लेकिन जब वह मारिजुआना जैसे नशे की लत में पड़ जाता है तो चाह कर भी अपनी जिंदगी मेें आगे नहीं बढ पाता। यह पदार्थ दिमाग पर इतना खतरनाक असर डालता है कि पढ़ाई और सोचने-समझने की क्षमता कम होने लगती है। इस शोध में कहा गया है कि युवाओं को छोटी उम्र में यह महत्वपूर्ण लगने लगता है लेकिन शिक्षा,सामाजिर और आर्थिक जीवन पर यह बुरा प्रभाव डालता है, जिसे जिंदगी खत्म होने लगती है। 

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