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सिख धर्म का भारतीय अध्यात्मवाद में बेहद योगदान : प्रो. गणेशीलाल

  • Edited By Shivam,
  • Updated: 16 Apr, 2019 10:41 AM
सिख धर्म का भारतीय अध्यात्मवाद में बेहद योगदान : प्रो. गणेशीलाल

सिरसा(भारद्वाज): सिख धर्म का भारतीय अध्यात्मवाद में बेहद योगदान है और सिख धर्म की शिक्षाओं में कर्म पर केंद्रित होना पूरी तरह प्रासंगिक है। यह बात ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने भुवनेश्वर स्थित राजभवन में हरियाणा से गए सिख समाज के एक प्रतिनिधिमंडल को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सिख धर्म में मानवता की सेवा को भगवान की पूजा के रूप में अपनाया गया है और ऐसा करके सिख समाज के लोग पूरी मानवता की सेवा कर रहे हैं।

प्रो. लाल ने गुरुद्वारों में किए जा रहे अनेक परोपकारी कार्यांे की भी भूरि-भूरि प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि 500 वर्ष पूर्व जब गुरु नानकदेव जी का पुरी में आगमन हुआ था तब से सिख धर्म और भगवान जगन्ननाथ मंदिर के मध्य एक मजबूत सम्बंध कायम हुआ था जो इन 500 वर्षांे में लगातार मजबूत हुआ है। 

गौरतलब है कि गुरु नानकदेव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर सिख धर्म के श्रद्धालु पुरी में होने वाले कार्यक्रम में पूरे देश से आते हैं और ओडिशा के राज्यपाल भी इस समारोह में शिरकत करते हैं। हरियाणा से सिख समाज का यह प्रतिनिधि मंडल राजेंद्र सिंह मिड्ढा व प्रीतपाल सिंह पन्नु के नेतृत्व में ओडिशा राजभवन पहुंचा था। इस मौके पर सिख समाज द्वारा राज्यपाल को सिरोपा भेंट किया गया और राज्यपाल ने प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के साथ जलपान करके उनसे विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। इस अवसर पर राज्यपाल के ओ.एस.डी. इंद्रजीत खुराना भी मौजूद थे। 

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