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भारत के इन 4 मंदिरों में भगवान नहीं राक्षसों की होती है पूजा !

  • Updated: 11 Jun, 2017 02:06 PM
भारत के इन 4 मंदिरों में भगवान नहीं राक्षसों की होती है पूजा !

पंजाब केसरी (ट्रैवलिंग) : भारत एक ऐसा शहर है जहां कई धार्मिक जगहें हैं और लोग घूमने के लिए ऐसी जगहों पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं। ज्यादातर लोग भगवान के मंदिर में जाकर मन्नत मांगते हैं लेकिन कुछ जगहें ऐसी हैं जहां भगवान के साथ राक्षसों की पूजा भी की जाती है। आइए जानिए ऐसे ही कुछ जगहों के बारे में

1. नेटवार, उत्तराखंड
उत्तराखंड के नेटवार शहर से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर एक ऐसा मंदिर है जहां दुर्योधन की पूजा की जाती है। यहां लोग दूर-दूर से माथा टेकने आते हैं और दुर्योधन को भगवान की तरह पूजते हैं। इसके साथ ही कुंती पुत्र कर्ण का भी मंदिर है।

2. गोकुल, उत्तरप्रदेश
श्रीकृष्ण की नगरी गोकुल में पुतना राक्षस का मंदिर है और लोग उनकी मां के रूप में पूजा-अर्चना करते हैं। पुतना ने श्रीकृष्ण को मारने के लिए बाल रूप में उन्हे अपना दूध पिलाया था।

3. झांसी, उत्तरप्रदेश
झांसी से कुछ ही दूरी पर हनुमान जी का मंदिर है और इनके साथ ही अहिरावन की भी पूजा की जाती है। अहिरावन रावण का भाई था जिसने रामायण के दौरान भगवान राम और लक्ष्मण को बंधी बना लिया था लेकिन झांसी के इस मंदिर में इनकी पूजा की जाती है।

4. कानपूर, उत्तरप्रदेश
इस शहर के शिवाला इलाके में रावण का मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 1890 में हुआ था। रावण को महान पंडित और शक्ति का प्रतीक मानते हुए लोग उनकी पूजा करते हैं। यह मंदिर साल में सिर्फ एक बार दशहरे वाले दिन ही खुलता है और लोग यहां अपनी मन्नते पूरी करने के लिए आते हैं।


 

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