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Stress Free Pregnancy के लिए खुद को ऐसे रखें फिट एंड हैल्दी

  • Updated: 28 Aug, 2017 06:33 PM
Stress Free Pregnancy के लिए खुद को ऐसे रखें फिट एंड हैल्दी

गर्भवती महिला की देखभाल : मां बनने का अहसास बहुत ही खूबसूरत और आनंददायी होता है, जिसे हर औरत पाना चाहती है। 9 माह के बाद वह एक नई जिंदगी को जन्म देती है। इस गर्भावस्था के दौरान उसके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं जो उसे अलग तरह के अहसास का ही अनुभव करवाते हैं। कई बार महिलाओं को इस दौरान सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बहुत सी प्रैग्नेंट महिला को सुबह के समय घबराहट महसूस होती है। इसके अलावा ब्लड प्रैशर कम या ज्यादा, कमर दर्द, कब्ज, पैरों में दर्द, चक्कर आना, अपच, नींद ना आना, मॉर्निंग सिकनेस, पैरों की सूजन, खून की कमी जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। वहीं कुछ औरतें मानसिक और शारीरिक तनाव की शिकार हो जाती हैं। गर्भवती महिलाएं को इस समय खुद को हैल्दी और तनावमुक्त रहने की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है क्योंकि अगर वह स्वस्थ रहेगी तो बच्चा भी स्वस्थ होगा। 

वहीं कुछ महिलाओं को ब्यूटी संबंधी काफी दिक्कतें आती हैं। बाल झडऩे, चेहरे पर झाइयां, काले धब्बे पड़ जाते हैं। इसी समय महिला के शरीर खासकर पेट पर स्ट्रैच मार्क के निशान भी पड़ते हैं। आज हम प्रैग्नेंसी के स्ट्रैस फ्री प्रैग्नेंसी टिप्स बताते हैं जो गर्भवती महिला के बहुत काम आएंगे। 

 

चिंता या घबराहट 

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गर्भावस्था में घबराहट होना आम बात है जब घबराहट हो तो छाती के बीच गोलाई में मसाज करें। गहरी सांस लें और छोड़ें। इससे नसें शांत होती हैं और घबराहट दूर हो जाती है। यह नैगेटिव इमोशनस को दूर करने का नैचुरल प्रोसेस है। 

 

तृष्णा
इस अवस्था में महिला की किसी चीज को खाने की तृष्णा बहुत ज्यादा हो जाती है। कई बार तो यह पोषक की बजाए अस्वस्थ भोजन खाने की होती है। अगर आप शुरू से संतुलित और पोषित खाना खाएंगे तो इस तरह की तृष्णा खत्म हो जाती है। 

 

कमर दर्द

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कमर दर्द की परेशानी बहुत सारी महिलाओं को रहती है। मांसपेशियों के दर्द राहत पाने के लिए पानी में अदरक का रस मिलाकर स्नान करें। रीढ़ की हड्डी पर अपने हाथ की मदद से हल्का- सा प्रैशर डालें। इससे बहुत आराम महसूस करेंगे। 

 

मॉर्निंग सिकनेस

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बहुत सारे औरतों को सुबह के समय कमजोरी का अहसास होता है और मतली आती है। उल्टी को रोकने के लिए शुन्या मुद्रा (shunya mudra) का अभ्यास करें।

 

ब्लड प्रैशर
ब्लड प्रैशर कंट्रोल रखने के लिए उगुलियों की मदद से अपने पैर के अंगूठे की 10 सेकेंड तक मसाज करें। दिन में 3 बार ऐसा करने से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है,जिससे ब्लड प्रैशर जैसी समस्या भी दूर हो जाती है। 

 

कब्ज
कब्ज की समस्या भी काफी महिलाओं को हो जाती है। इससे राहत पाने के लिए ठुढ्ढी के मध्यम हिस्सों को 30 सैकेंड के लिए दबाएं। ऐसा दिन में 3 बार करें और अपने आहार में संतुलित भोजन शामिल करें। 

 

अपच
एक चुटकी काला नमक,2 बूंद नींबू का रस और छोटा सा पतला अदरक का टुकड़ा मुंह में डाल कर टॉफी की तरह चूसें। इसके अलावा कमर से लेकर टखने तक पांच मिनट के लिए टांगों का मसाज करें। 

 

अनिद्रा

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अपने खाने में ब्राउन राइस, बादाम और केला शामिल करें। इसके अलावा सोने से पहले दोनों पैरों के अंगूठे की 30 सैकेंड के लिए मसाज करें। 

 

तनाव
तनाव को दूर करने के लिए अपने पैरों को सीधा करके इसे दाएं से बाएं और बाएं से दाएं लेकर आए। इस पोजीशन में पैरों को 5 सेकेंड के लिए रखें। इस तरह करने से मानसिक तनाव कम होता है। मानसिक तनाव कम करने के लिए मधुर संगीत सुनें। इससे भी दिमागी थकान दूर होती है। 

 

स्ट्रैच मास्क
स्किन मेें बहुत खिंचाव की वजह से त्वचा पर स्ट्रैच मास्क पडऩे शुरू हो जाते हैं। इससे राहत पाने के लिए रोजाना तिल के तेल से हल्के हाथों से मसाज करें। 

 

दांत और मसूढ़े
दांत और मसूढ़ों से जुड़ी परेशानियों से बचने के लिए अपनेे दोनों हाथों की उंगुलियों को आपस में टिप्स से दबाएं। हर फिंगर टिप का संबंध दांतों के साथ होता है। इससे दांतों को मजबूती मिलती है। इसके अलावा हल्दी के पाउडर से मॉउथ वॉश करें। इससे बालों को भी मजबूती मिलती है।

 

पैरों और एडिय़ों की सूजन

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दो मिनट के लिए सॉफ्ट ब्रश से अपने पैरों के तलवों पर हल्के हाथों से ब्रश करें, दिन में तीन बार इस तरह करने से रक्त संचार बेहतर तरीके से चलना शुरू हो जाता है। इससे सूजन कम होने लगती है। इसके अलावा नंगे पैर घास पर चलने से भी आराम मिलता है।

 

स्किन
स्किन और चेहरे को झाइयों और अन्य समस्याओं से बचाने के लिए गाजर और हरी सब्जियों के जूस का सेवन जरूर करें। यह शरीर के अंदरूनी अंगों की सफाई और अशुद्धियों को बाहर निकालता है, जिससे स्किन ग्लोइंग होती है। 

 

मेडीटेशन

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मेडीटेशन प्रक्रिया से भी गर्भवती महिलाएं खुद को तनाव मुक्त रख सकती हैं। इससे शरीर, मन और आत्मा को शांति मिलती है। 

 

 

- वंदना डालिया

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