पेरेंटिंग: किसी भी प्रैग्नेंट महिला में कुछ शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होना आम है। जब कोई महिला प्रैग्नेंट होती है तो उसकी खाने-पीने की पसंद भी बदल जाती है। ठीक ऐसे डिलीवरी के बाद एक महिला के शरीर में बहुत से बदलाव आते है। जो महिलाएं गर्भधारण के शुरूआत से ही अपना अच्छे से ख्याल रखती है, उनके महिलाओं के शरीर में ऐसे बदलाव कम देखने को मिलते है। उनको देखकर लगता है ही नहीं कि वह किसी बच्चे की मां है। जबकि कुछ महिलाओं का शरीर मोटा हो जाता है, चेहरे पर प्रभाव दिखाई देने लगते है। आज हम आपको इन्हीं बदलाव के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में जानकर आप भी अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखना शुरू कर देगी।
1. त्वचा में बदलाव
गर्भधारण के समय जिन महिलाओं की त्वचा रूखी हो जाती है, वहीं बच्चे के जन्म के बाद चेहरा और ज्यादा रूखा दिखाई देने लगता है। इस स्थिति में गर्भावस्था में स्तन, पेट और जांघों की त्वचा खिंच जाती है, जिस वजह से शरीर में दाग दिखाई देने लगते है।
2. वजन बढ़ना
प्रैग्नेंसी के दौरान सभी महिलाओं का वजन बढ़ जाता है, वहीं कुछ महिलाओं का वजन प्रसव के बाद भी अधिक ही बना रहता है। ऐसा चिकनाईयुक्त भोजन करने, मेवे आदि का सेवन करने से मोटापा बढ़ता ही चला जाता है, जो बाद में कंट्रोल हने का नाम ही नहीं लेता।
3. बालों का झड़ना
प्रैग्नेंसी के बाद बालों के झड़ने की समस्या आम होती है। सिर्फ बालों का झड़ना ही नहीं बल्कि,पतला होना, बालों का सफेद होना, बालों का न बढ़ना जैसी परेशानियां आ सकती है। इससे बचने के लिए पौष्टिक आहार लें।
4. दांतों में परेशानी
गर्भावस्था के बाद महिलाओं के दांतों की चमक कम हो जाती है। दांतों में दरारे, दांतों में छेद, मसूड़ों का सूजना आदि समस्याएं भी हो जाती है।
6. स्तनों में बदलाव
हार्मोन्स में परिवर्तन के कारण महिलाओं के स्तन भारी और बड़े हो जाते हैं। अगर इनकी ठीक से केयर न की जाए तो ब्रैस्ट में ढीलापन आ जाता है। साथ ही गर्भाशय में दर्द महसूस होता है।
7. पैरों में बदलाव
महिलाओं में प्रसव के बाद शरीर की मांसपेशियों तथा दो हड्डियों के बीच बांधने वाली नलिकाएं ढीली हो जाती है, जिससे पैरों के आकार में परिवर्तन हो जाता है। इसकी वजह से कमर तथा कूल्हों में दर्द भी रहता है।