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एेतिहासिक इमारतें, जो नहीं बन सकती दोबारा! (Pix)

  • Updated: 24 Oct, 2016 08:18 PM
एेतिहासिक इमारतें, जो नहीं बन सकती दोबारा! (Pix)

भारत में एेसी कई एेतिहासिक इमारतें है, जिन्हें आज तक कोई भी देश कोई कॉपी नहीं कर सका। अगर किसी भी देश ने इन्हें कॉपी करने की कोशिश भी की तो वो पूरी तरह कामयाब हो न सके। आज हम आपको भारत की कुछ एेसी ही एेतिहासिक इमारतों के बारे में बताएंगे, जिन्हें दोबारा नहीं बनाया जा सकता।

1. कुतुब मीनार
यह देश की सबसे ऊंची मीनार है इसकी ऊंचाई करीब 72.5 मीटर है। यह भारत की अनोखी संरचना है जिसे कोई भी कॉपी नहीं कर पाया।

2. ताजमहल
ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू हुआ था। इसे बनने में करीब 21 साल बाद लगे थे। ताजमहल को शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। इसे कॉपी करने की भी कोशिश की गई लेकिन कोई न कोई कमी रह गई।

3. दिल्ली का लाल किला
यह विशाल किला दुनिया के भव्य महलों में से एक माना जाता है। दिल्ली के लाल किले की तरह आगरा में भी लाला किला है लेकिन वो इससे अलग नजर आता है।

4. हवा महल
हवा महल को लाल और गुलाबी बलुआ पत्थरों से बनाया गया है। इसमें 950 खिड़कियां है। इसका निर्माण सन् 1799 में राजा सलाई प्रताप सिंह ने करवाया था। इस इमारत को कॉपी करना मुश्किल ही नहीं न मुनकिन है।

5. मैसूर महल
इस तीन मंजिला महल को बनवाने में भूरे ग्रेनाइट का सहारा लिया गया है। मैसूर महल में इंडे-सारासेनिक, द्रविडियन , रोमन और ओरिएंचल शैली की वास्तुकला देखने को मिलती है। 

6. गेटवे ऑफ इंडिया
इसका निर्माण 1911 में हिंदू और मुस्लिम दोनों प्रकार की वास्तुकला को ध्यान में रखते हुए करवाया गया था। इसकी ऊंचाई करीब आठ मंजिल के बराबर है। 
 

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