किसी भी छोटे बच्चें का रोने का कोई समय नहीं। अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चें को चुप कराने के लिए उनके मुंह में बेबी पेसिफायर लगा देते, ताकि बच्चा चुप हो जाए। इससे बच्चे तो चुप हो जाते है लेकिन क्या आप जानते है कि यह बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। बेबी पेसिफायर पर लगे बैक्टीरिया बच्चों में इंफेक्शन का कारण बन कर उन्हें किसी बीमारी का शिकार बना सकते है। अगर आप बच्चे को पेसिफायर देना ही चाहती है तो लेटेक्स की बजाए सिलिकॉन पेसिफायर का इस्तेमाल कर सकती है। आज हम आपको बताएंगे कि बेबी पेसिफायर से आपके बच्चे को क्या-क्या नुकसान हो सकते है।
1. मुंह में इंफेक्शन
बेबी पेसिफायर से बच्चों में इंफेक्शन का खतरा रहता है। क्योंकि आप इसे बार-बार न ही तो धोते है और न साफ करते है। मुंह के इंफेक्शन के सात-साथ इससे बच्चे को उल्टी, पेटदर्द और दस्त की समस्या हो सकती है।
2. मां बच्चे में दूरी
बच्चे पेसिफायर यानि चूसनी से चुप तो हो जाते है लेकिन इससे मां और शिशु के रिश्ते में दूरी आती है। बच्चा पेसिफायर को मां के ब्रेस्ट के निप्पल समझता है और बाद में मां का दूध पीना बंद कर देता है। हमेशा पेसिफायर के मुंह में रहने से शिशु मां के दूध से अपरिचित हो जाता है।
3. ब्रेस्टफीडिंग प्रॉब्लम
पेसिफायर का जल्दी इस्तेमाल सुरू कर देने से ब्रेस्टफीडिंग में अड़चन आ सकती है। पेसिफायर की आदत पड़ने से बच्चा दूध पीना बंद कर देता है, जिससे उसे पूरे पोषक तत्व भी नहीं मिलते और बच्चा भी चिड़चिड़ा हो जाता है। अगर बच्चा आपका दूध नहीं पीता तो और सिर्फ पैसिफायर चूसता है तो इससे उसका वजन भी कम हो सकता है।
4. एलर्जी
लेटेक्स पेसिफायर के ज्यादा इस्तेमाल से शिशु को एलर्जी की समस्या भी हो सकती है। क्योंकि मुंह में हर बार पेसिफायर डालते समय आप उसे स्ट्रेलाइज्ड नहीं करते, जिससे उसमें लगे किटाणु या जीवाणु शिशु के लिए इंफेक्शन का कारण बन जाते है।
5. दांत खराब होना
अक्सर दांत निकालते समय बच्चे रोते है लेकिन आप उन्हें चुप कराने के लिए पेसिफायर लगा देते है, जिससे उनके दांत विकसित नहीं हो पाते। इसके अलावा इससे शिशु के दांत भी खराब हो जाते है।
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