25 APRTHURSDAY2024 4:59:29 PM
Nari

स्मार्ट सिंगल मदर बनने के लिए सुष्मिता सेन से लें पेरेंटिंग टिप्स

  • Updated: 05 May, 2018 03:51 PM
स्मार्ट सिंगल मदर बनने के लिए सुष्मिता सेन से लें पेरेंटिंग टिप्स

बॉलीवुड एक्ट्रैस सुष्मिता सेन बेहद स्ट्रॉन्ग व्यक्तित्व की है। उन्होंने पहली बेटी रेनी को मात्र 24 साल की उम्र में ही सिंगल मदर के तौर पर अडोप्ट किया और साल 2009 में उन्होंने अपनी दूसरी बेटी अलिषा को अडोप्ट किया। आम पेरेंट्स की ही तरह सुष्मिता भी न सिर्फ अपने बच्चों के साथ फ्रेंडली हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर वह सख्त भी हो जाती हैं। सिर्फ स्टाइल और ट्रेंड के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के अच्छी परवरिश के लिए भी आप सुष्मिता सेन को फोलो कर सकते हैं। सुष्मिता सेन भले ही सिंगल मदर हैं, लेकिन उनके पेरेंटिंग स्टाइल में ऐसा बहुत कुछ है जो हर पेरेंट्स को समझना और जानना चाहिए।

 
1. बच्चों को क्वालिटी टाइम देना
सुष्मिता अपने बच्चों के साथ काफी क्वालिटी टाइम बिताती हैं। वह अक्सर अपने बच्चों के साथ हॉलिडे ट्रिप पर जाती है और उनकी साथ खूब डांस करती हैं। हाल ही में सुष्मिता ने अपनी छोटी बेटी अलिषा के साथ एड शीरन के सॉन्ग 'शेप ऑफ यू' पर डांस करते हुए वीडियो पोस्ट किया था जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।

 

A post shared by Sushmita Sen (@sushmitasen47) on

2. बच्चों के साथ रहें ईमानदार
बच्चों के सवालों का आप जितनी ईमानदारी से सामना करेंगे, उतना ही आपका रिश्ता मजबूत होगा। सुष्मिता ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, 'एक दिन जब रेनी स्कूल से वापस आई तो उसने अपने पिता के बारे में पूछा। मैंने मुस्कुरा कर उसे शिवलिंग की ओर दिखाया और कहा कि वही तुम्हारे पिता हैं।'

PunjabKesari

3. बच्चों के साथ सुष्मिता खूब करती हैं एंजॉय
सुष्मिता ने अपनी बेटियों के साथ कोई वीडियो पोस्ट किया है। सुष्मिता समय-समय पर रेनी और अलिषा के साथ अपने वीडियो और फोटो इंस्टाग्राम पर पोस्ट करती आई हैं और इन्हें देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये तीनो आपस में कितना एंजॉय करते हैं।

PunjabKesari

4. ओवर प्रोटेक्टिव नहीं हैं सुष्मिता
अपनी बेटियों को लेकर सुष्मिता बिल्कुल भी ओवर प्रोटेक्टिव नहीं है। रेनी के बारे में बात करते हुए सुष्मिता सेन ने अपने इंटरव्यू में कहा कि, 'जब रेनी बोर्डिंग स्कूल गई और वहां उसके विदेशी दोस्त बनें तो शुरुआत में मैं थोड़ा ओवर-प्रोटेक्टिव हो गई थी लेकिन मुझे एहसास हुआ कि उसे कुछ बातें खुद ही सीखनी चाहिए। और मैं खुश हूं कि वो न सिरफ मेरी तरह इंडीपेंडेंट है, बल्कि एक अच्छी इंसान भी बन रही है।'

PunjabKesari

5. कभी-कभी स्ट्रिक्ट होना भी है जरूरी
बच्चों की परवरिश प्यार से करना अच्छा बात है लेकिन कभी-कभार उनके साथ स्ट्रिक्ट होना भी जरूरी होता है। सुष्मिता खुद ये मानती हैं कि अपने बच्चों के साथ वो शुरू में बहुत स्ट्रिक्ट थी, लेकिन जब उनके बच्चे बहुत अच्छी तरह बिहेव करने लगे तो उन्होंने अपनी स्ट्रिक्टनेस को थोड़ा कम कर दिया।

PunjabKesari

फैशन, ब्यूटी या हैल्थ महिलाओं से जुड़ी हर जानकारी के लिए इंस्टाल करें NARI APP

Related News