महिलाओं में डिप्रेशन : कामकाज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई डिप्रैशन का शिकार हो रहा हैं लेकिन पुरूषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा इसकी चपेट में आ रही है। महिलाओं का डिप्रैशन में जाने का कारण उन्हें जॉब के साथ घर के सदस्यों और काम की जिम्मेदारियां होती हैं। ऑफिस पहुंच कर भी उन्हें बच्चों और घर के काम की चिंता सताती रहती है। वह हर वक्त कुछ न कुछ सोचती रहती है। सभी लोग उनके साथ होने पर भी वह अकेलापन महसूस करती है। आज हम आपको महिलाओं के डिप्रैशन में जाने के कारण और उसे दूर करने के टिप्स बताएंगे, जिसे फॉलो करके वह तनाव रहित जिंदगी बिता सकती हैं।
महिलाओं का डिप्रैशन में जाने के कारण
पुरूषों का गलत व्यवहार
महिलाओं का डिप्रैशन में जाने का सबसे खास कारण पुरूषों का उनके प्रति गलत व्यवहार है। महिलाओं का पूरा दिन बाहर काम करने के बावजूद उसका पति जब उसे सम्मान और प्यार नहीं देता तो वह तनाव से ग्रसित होने लगती है।
घरेलू हिंसा के कारण
महिलाओं का घर के प्रति पूरा लगाव होने के बावजूद भी जब उसकी कभी सुनवाई नहीं होती तो डिप्रैशन में जाने लगती है। उसे लगने लगता है वह सभी के बारे में इतना सोचती है लेकिन घर में फिर भी उनकी खास अहमियत नहीं है।
बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण
कुछ महिलाओं को घर के कामकाज के साथ जॉब भी करनी पड़ती है। ऑफिस से घर आकर बच्चों की पढ़ाई की टेंशन होने लगती है। वह हर वक्त कुछ न कुछ सोचती रहती हैं। इससे उन्हें आराम करने का समय नहीं मिल पाता और वह तनाव ग्रसित रहने लगती है।
डिप्रेशन से बचने के उपाय
आराम से काम करें
घर और ऑफिस के काम तो कभी भी खत्म नहीं होते इसलिए दिमाग में शांति और सुकून की भावना रखें। एक काम करने के बाद कुछ समय शांति से लंबी सांस लें और कुछ न कुछ जरूर खाएं। इससे ऊर्जा का संचय बना रहेगा।
पॉजिटिव सोच रखें
किसी भी बात को लेकर अपने दिमाग में नैगटिव ख्याल न लाएं। हमेशा अच्छा ही सोचे। ऑफिस के कार्य को अधूरा न रखें बल्कि साथ ही साथ खत्म करें। इस तरह से दिमाग से टेंशन दूर होगी।
भविष्य की चिंता न करें
कुछ लोग आने वाले समय को लेकर चिंतित रहते हैं जो कि सोचना बेकार होता है। कई बार समय के साथ ही समस्या का हल मिल जाता है। अपने दिमाग को शांत रखें। किसी भी बात को तनाव का कारण न बनने दें।
टेंशन में दूसरे की मदद लें
अगर आप किसी बात को लेकर काफी लंबे समय से टेंशन में है और आपको उसका कोई भी सुझाव नहीं मिल रहा है तो अपने किसी दोस्त या परिवार के मैंबर की मदद लें। कई बार उस बात का सुझाव किसी दूसरे के पास होता है इसलिए चिंता को अपनी आदत न बनाए।
कहीं घूम कर तनाव घटाए
चिंता को अपने दिमाग पर हावी न होने दें। किसी बात की टेंशन होने पर उस पर ध्यान जाना तो स्वाभाविक ही है पर ज्यादा सोचना सेहत के लिए हानिकारक भी होता है। उससे ध्यान हटाने के लिए कहीं बाहर घूमने जाने को प्लान बनाएं और फिर शांति से उस बात का हल निकालें।
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