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5 ऐसी बातें, जिनकी वजह से बाप-बेटे के बीच बढ़ने लगती है दूरियां

  • Updated: 10 Dec, 2017 07:18 PM
5 ऐसी बातें, जिनकी वजह से बाप-बेटे के बीच बढ़ने लगती है दूरियां

कहते है कि बेटा मां का लाडला होता है और पापा का प्यारा लेकिन बेटा अपने पापा से काफी अलग-अलग रहता है। शायद उनके बीच की बोन्डिंग ज्यादा अच्छी नहीं होती। इनकी सोच भी एक-दूसरे से काफी अलग होती है। ऐसे में छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव होना संभव है। बेटे को लगता है कि उसके पापा उससे प्यार नहीं करते है, वहीं दूसरी तरफ बाप को लगता है कि बेटा उसका कहना नहीं मानता। बाप-बेटे के बीच अच्छी बोन्डिंग होना बहुत जरूरी है लेकिन अक्सर उनके बीच कुछ बातों को लेकर झगड़ा होता है। आज हम आपको उन्हीं बातों के बारे में बताएंगे, जिनकी वजह से बाप-बेटे का रिश्ता मजबूत और अच्छा नहीं बन पाता।

 

1. अभी तुम बच्‍चे हो
जब बेटा बड़ा होने लगे और हर बात पापा उसे डांटने लगे या उसे नादान बताने लगता है तो यही बेटे के गुस्सा का कारण बन जाता है और वह पापा से दूरी बना लेता है। ऐसे में बाप-बेटे दोनों को समझने की जरूर है। बात को समझना चाहिए कि हर बात उन्हीं के हिसाब से नहीं हो सकती, वहीं बेटे को समझना चाहिए बड़े आखिर बड़े होते ह। वह आपके भला ही सोचेंगे। 

2. पिता की रोक-टोक
लड़के जब बड़े हो जाते हैं तो वो किसी की नहीं सुनते। घूमना-फिरना तो मानों उनका शौंक होता है। ऐसे में बच्चे को हर बात के लिए मना करना या बात-बात पर टोकना अच्छा नहीं है। माना की बच्चों को कंट्रोल में रखना जरूरी है लेकिन इतना भी नहीं कि उसके मन में आप ही के लिए नफरत पैदा हो जाए। 
 
3. तुम्हारे बस का काम नहीं
जब बेटा उस काम को करने की समर्था रखता भी है लेकिन उसे बार-बार एक ही बात कहना कि यह काम तेरे बस का नहीं है तो उसका बहुत बुरा लगता है। ऐसे में बेटा इसे अपने आत्मसम्मान पर ले लेता है और बाप-बेटे के बीच की दूरियां बढ़ने लगती है। 

4. दोस्तों को लेकर बातें सुनाना
अधिकतर लड़कों को अपने दोस्तों का साथ काफी पसंद होता है। ऐसे में उसके दोस्तों को लेकर सुनाना और उनकी बुराई करने लग जाने से बेटे को बेहद बुरा लगता है। उससे लगने लगता है कि शायद उसका खुद का लिया कोई भी निर्णय ठीक नहीं है। 

5. जिम्मेदार कब बनोगे
पिता को अक्सर लगता है कि उसका बेटा कोई भी काम जिम्मेदारी से नहीं करता।हर काम में लापरवाही करता है। ऐसे में पिता को अपने बेटे पर भरोसा बनाएं ऱखना चाहिए। उसे खरी-खोटी सुनाने के बजाए, उसके आत्मविश्वास को बढ़ावा देना चाहिए। 
 

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