पेरेटिंग: बाप-बेटी का रिश्ता तो बहुत ही प्यारा होता है और लड़कियां घर का मान होती हैं। बेटी के लाड-प्यार,घर के लिए उसकी चिंता और जिम्मेदारी का अहसास पिता के लिए उसके स्नेह को और भी गहरा कर देता है। पापा सिर्फ उसके पिता ही नहीं होते बल्कि अच्छे दोस्त भी हैं। जितनी फिक्र और प्यार बाप को अपनी बेटी से होता है,बेटे के लिए वह इतना फिक्रमंद नहीं होता। पिता ही बेटी की जिंदगी में ऐसा पहला इंसान होते हैं, जिसकी छाया में वह खुद को सुरक्षित महसूस करती है। उनके लिए उनकी बेटी किसी राजकुमारी से कम नहीं होती।
1. पापा की दुलारी
बेटी के जन्म के बाद उसके पिता को जो खुशी मिलती है,उसको वह शायद शब्दों से कभी भी ब्यान नहीं कर पाते। दुनिया की हर खुशी को पिता अपनी दुलारी के लिए लाकर देना चाहता है।
2. प्यार और सुरक्षा
पापा बेटी की जिंदगी में पहले पुरूष होते हैं जिनके साथ में वह खुद को सुरक्षित महसूस करती है। बेटी के लिए पापा के प्यार से बढकर और कुछ नहीं होता।
3. लालच के बिना प्यार
पापा और बेटी के बीच का प्यार किसी शर्त या लालच पर नहीं टिका होता। बेटी भी अपने पिता से प्यार के बदले में किसी चीज की इच्छा नहीं रखती।
4. दोस्त और मार्गदर्शक
जिंदगी में कोई भी मुश्किल आ जाए तो बेटी सबसे पहले अपने पापा से ही शेयर करती है। पिता भी बेटी के लिए किसी मार्गदर्शक से कम नहीं होते। बच्चों के करियर के लिए वह हमेशा ही उनको अच्छी सलाह देते हैं ताकि वह जिंदगी में कुछ बन सके। कोई मुकाम हासिल कर सकें।
5. मस्ती और फरमाइश
शाम पापा के ऑफिस से घर आने का बेटी को बेसब्री से इंतजार रहता है। हर रोज बेटी की पापा से कोई न कोई नई फरमाइश रहती है। इसके अलावा बेटी पापा से साथ जमकर खेलती और मस्ती करती है। ऐसी मस्ती वह और किसी से नहीं करती।