ट्रैवलिंग: भारत में कई खूबसूरत एेतिहासिक इमारतें माैजूद है, जिनका अपना-अपना महत्तव होता है लेकिन देश बंटवारे के बाद सोने की चिड़ियां कहलाया जाने वाले भारत के कुछ देश पाकिस्तान के हिस्से चले गएं, जिनमें कई भारत की एेतिहासिक इमारतें थी, जो पाकिस्तान में आज भी मौजूद है और विरान पड़े हुए है। आइए जानते है इन एेतिहासिक इमारतों के बारे में, जो कभी हुआ करते थे भारत की शान।
1. डेरा नवाब साहिब, बहावलपुर
बहावलपुर के डेरा नवाब साहिब से 48 किमी दूरी पर डेरावर फोर्ट मौजूद है। यह आज भी बहुत अच्छी स्थिति में मौजूद है। इस किले की दीवारें 30 मीटर ऊंची है। इसको जैसलमेर के राजपूत राय जज्जा भाटी ने बनवाया था। इससे पहले यह रॉयल फैमिली का महल हुआ करता था।
2. हुंजा वैली, गिलगित-बल्टिस्तान
पाकिस्तान में मौजूद गिलगित-बल्टिस्तान हुंजा स्टेट के राजाओं का किला था, जो मीर टाइटल लगाते थे। माना जाता है कि ये किला 900 साल पुराना है। इस किले को टूरिस्टों के लिए 2007 में ओपन कर दिया गया।
3. डेरा नवाब साहिब, बहावलपुर
डेरा नवाब साहिब में मौजूद सादिक गढ़ पैलेस पाकिस्तान के मशहूर किलो में से एक है। 1882 बना ये पैसेल कैंपस में चारों तरफ दीवारों और गार्डन से घिरा है । इसके हर कोने पर बुर्ज बने हैं।
4. दीना टाउन, झेलम
यह झेलम शहर के दीना टाउन के पास मौजूद है। सूरी ने लोकल ट्राइब पोटोहर यानी गाखर्स को कुचलने के लिए बनवाया था। इसमें मजबूत गढ़ के साथ किले की सीढ़ीदार दीवार और 12 दरवाजें हैं।
5. खैरपुर, सिंध
यहां मौजूद फैज महल पाकिस्तान की शान माना जाता है। यह महल रईस मीरों का था। इस पैलेस को अरम गढ़ के नाम से भी जानते हैं। इस महल को मुगल के स्टाइल से सजाय़ा गया है।