पेरेंटिंगः बच्चे के लिए मां का दूध बहुत महत्वपूर्ण होता है। मां के दूध से बच्चों को कई पोषक तत्व मिलते है। शिशु को पहले छह महीने तक केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। इससे शिशु को पेट संबंधित परेशानियां भी नहीं होती। ब्रैस्टफीडिंग के दौरान मां को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े। ब्रैस्टफीडिंग के दौरान अगर महिला एंटीबायोटिक का सेवन करती है तो इसका असर शिशु पर पड़ता है।
- दांत निकलने में समस्या
मां द्वारा एंटीबायोटिक लेेने से बच्चे के दांत निकलने के दौरान परेशानी होती है। एेसे में एंटीबायोटिक लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- शिशु के स्वभाव में अंतर
ब्रैस्टफीडिंग के दौरान मां द्वारा एंटीबायोटिक लेने से बच्चे को पेट दर्द की समस्या होने लगती है जिससे उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
- बच्चे के शरीर के तापमान में बदलाव
मां द्वारा एंटीबायोटिक खाने से बच्चे को बुखार हो जाता है। एेसे में बच्चे को दवा दे और एंटीबायोटिक का सेवन बंद करें।
- दस्त
इसके अलावा अगर महिला एंटीबायोटिक का सेवन करती है तो बच्चे को दस्त हो सकते है। इसके लिए बच्चे को ओआरएस का घोल दें, जिससे उसके शरीर में पानी की कमी न हो।