बच्चों के सही विकास के लिए उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर डाइट देना बहुत जरूरी है क्योंकि पौष्टिक खान-पान से ही उसके शरीर के सभी अंगों का अच्छे से विकास होगा। बच्चों का जल्दी बीमार पड़ जाने का कारण पोषणयुक्त आहार की कमी है लेकिन छोटे बच्चे खाने को लेकर थोड़ा मूडी होते हैं और अक्सर पौष्टिक खाने को लेकर अपना नखरे दिखाते हैं। बहुत सारी माएं तो इसी चिंता में रहती हैं कि उनके बच्चे कुछ खाते नहीं लेकिन आप उन्हें बातों-बातों व क्रिएटिव तरीके से कुछ मजेदार डिशेज बनाकर इन आहारों को खिला सकते हैं। जैसे बच्चे अगर फल नहीं खाते तो उन्हें स्मूदी ड्रिंक या आइसक्रीम में मिक्स करके, वहीं उन्हें क्रिएटिव तरीके से सजाकर या बैड पीस में स्लाइस-स्लाइस करके आप खिला सकते हैं। संतुलित आहार में विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, मिनरल्स और कैलोरी अावश्यकतानुसार होनी चाहिए।
1. कैलोरी
बच्चों को एनर्जैटिक रखने के लिए भरपूर कैलोरी देना बहुत जरूरी है लेकिन कैलोरी का मतलब यह नहीं आप बच्चों को फास्ट फूड, तले हुआ खाना खिलाएं बल्कि उनकी डाइट में दूध और अनाजयुक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें।
2. विटामिन व मिनरल्स
बच्चों के आहार में 33 प्रतिशत विटामिन और मिनरल्स होने चाहिए। विटामिन और आयरन के लिए उन्हें ज्यादा मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां और ताजे फल खाने को दें। हरी सब्जियों में आप उन्हें बीन्स, मटर, पालक आदि जरूर दें। छ माह के बाद बच्चे को आयरन जरूरी होता है अगर उसे पर्याप्त आयरन ना मिले तो एनीमिया का खतरा भी हो सकता है। इसलिए सब्जियों अच्छे से मैश करके उन्हें खिलाना शुरू कर दें। इसके अलावा उन्हें अंकुरित दालें और उनका पानी बच्चे को जरूर दें।
3. कैल्शियम
हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए कैल्शियम होना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए बच्चे को दूध व उससे बने उत्पाद दही, पनीर आदि जरूर दें। इसके अलावा बंदगोभी, ब्रोकोली, हरी सब्जियां, सोया आदि में भी कैल्शियम पाया जाता है।