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Himachal Pradesh

चुराह व भरमौर में फिर शुरू हुई आफत की बर्फबारी, लोगों की टूटने लगी उम्मीद

  • Edited By Vijay,
  • Updated: 12 Feb, 2019 07:01 PM
चुराह व भरमौर में फिर शुरू हुई आफत की बर्फबारी, लोगों की टूटने लगी उम्मीद

चम्बा: एक बार फिर से जिला चम्बा के चुराह उपमंडल में बर्फबारी शुरू हो गई तो वहीं भरमौर के भी ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया। इस स्थिति के चलते जिला प्रशासन के लिए एक बार फिर से चिंता की स्थिति पैदा हो गई है। यही नहीं, मंगलवार दोपहर बाद शुरू हुई बर्फबारी ने लोक निर्माण विभाग की मेहनत पर फिर से पानी फेरने का कार्य किया है। मौसम विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन ने एक बार फिर से अगले दो दिनों तक मौसम के खराब रहने की चेतावनी जारी कर दी है। बार-बार मौसम के रुख में होने वाले बदलाव को लेकर अब लोक निर्माण, आई.पी.एच. व बिजली विभाग की हिम्मत भी टूटने लगी है। एक तरफ जहां उक्त विभाग अपनी बाधित सेवाओं को दुरुस्त करने में लगभग सफलता हासिल कर लेते हैं तो उस समय फिर से मौसम में बदलाव होने के चलते स्थिति जस की तस बन जाती है।

सलूणी, चुराह व भरमौर क्षेत्रों के कई गांव अभी भी अंधरे में

जिला चम्बा के सलूणी, चुराह व भरमौर क्षेत्रों के कई गांव अभी तक अंधेरे में डूबे हुए हैं तो साथ ही कई अभी तक सड़क सुविधा से भी अलग-थलग पड़े हुए हैं। सही मायने में जिला के इन उपमंडलों के लोगों को एक मुसीबत से निजात मिली नहीं है कि फिर एक नई मुसीबत ने उन्हें चिंता में डाल दिया है। अब तो स्थिति यह पैदा होती नजर आने लगी है कि सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ स्थानीय लोगों के हौसले भी कुदरत के आगे पस्त होते नजर आने लगे हैं। जानकारी के अनुसार चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत टेपा, देवीकोठी व मंगली में अभी भी डेढ़ से दो मीटर बर्फ मौजूद है।

स्नो कटर की कमी लगी अखरने

हैरान करने वाली बात है कि जिला चम्बा में 2 उपमंडल जनजातीय हैं तो सलूणी व चुराह भी ऐसे 2 उपमंडल में जहां हर वर्ष काफी मात्रा में बर्फ गिरती है। पर्यटन नगरी डल्हौजी में भी हर वर्ष काफी मात्रा में बर्फ गिरती है। पांगी जहां इस बर्फबारी के चलते अपनी पंचायतों से ही कई हफ्तों तक कटा रहता है तो भरमौर की स्थिति भी हर वर्ष लगभग ऐसी ही बनी रहती है। इस पूरी स्थिति के बावजूद जिला चम्बा में अभी तक एक भी स्नो कटर नहीं है। हर वर्ष पांगी घाटी में बर्फ हटाने के नाम पर पानी की तरफ सरकारी पैसा खर्च किया जाता है लेकिन वहां पर भी स्नो कटर जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं है। हालांकि डल्हौजी उपमंडल में मौजूद सेना के पास अपना स्नो कटर जरूर उपलब्ध है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि अगर स्नो कटर होता तो शायद जिन रास्तों के बंद होने की वजह से बिजली बोर्ड अपने विद्युत उपकरण पहुंचाने के लिए परेशान हं उसे इस प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। भरमौर में भी कोई स्नो कटर नहीं है, ऐसे में यहां पर जब भी बर्फ गिरती है तो रास्तों से बर्फ हटाने में कई-कई दिन लग जाते हैं।

पैसे की नहीं कोई कमी

भरमौर व पांगी में अब तक स्नो कटर का न होना नि:सन्देह अपने आप में एक हैरान करने वाली बात है क्योंकि पांगी व भरमौर जनजातीय उपमंडल हैं, जिसके चलते यहां इसे खरीदने में धन की कमी तो हरगिज आड़े नहीं आ सकती है तो साथ ही आपदा जिला प्राकृतिक आपदा राहत प्रबंधन के माध्यम से भी इस कमी को दूर किया जा सकता है लेकिन किसी ने अभी तक इस बात पर गौर नहीं किया है। लोगों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन या फिर उपमंडल प्रशासन इस तरफ ध्यान देता तो शायद इन दिनों यहां के लोगों को इस प्रकार की परेशानी का सामना करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता।

क्या कहते हैं डी.सी. चम्बा

डी.सी. एवं अध्यक्ष डी.डी.एम.एल. जिला चम्बा हरिकेश मीणा ने कहा कि यह बात सही है कि शिक्षा विभाग की रिपोर्ट, मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी को ध्यान में रखते हुए जिला के सर्दकालीन स्कूलों को अब 17 फरवरी तक बंद रखने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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