बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेलना और एक्टिव रहना बहुत जरूरी हैं। शारीरिक व्यायाम के बिना बच्चे सुस्त और मोटे हो जाते हैं। इससे बच्चों का दिमाग भी सीमित ही रह जाता है। बढ़ती उम्र के अनुसार बच्चों के लिए अलग-अलग तरह की गतिविधियां जरूरी हैं, जो उनके शरीर में ऊर्जा प्रदान करती हैं। इन गतिविधियों में खेलना, दौड़ना, कूदना, मनोरंजन, शारीरिक शिक्षा और हल्के व्यायाम आदि शामिल हैं। इन सब एक्टिविटी में शामिल होने के लिए बच्चे के लिए रोजाना एक घंटे का समय निकालना बहुत जरूरी है। मां-बाप की जिम्मेदारी बनती है कि पढ़ाई के साथ-साथ बच्चे को खेल-कूद के लिए भी प्रेरित करें। आइए जानते हैं किस तरह से फायदेमंद हो सकती हैं अलग-अलग उम्र के बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां।
1. दो साल बच्चे
दो साल के बच्चे नया-नया चलना सीखते हैं लेकिन उन्हें भागना, घूमना और खेलना साथ ही पलंग से कूदने जैसी गतिविधियां करने देना चाहिए। इस से उनका शरीरिक और मानसिक विकास होगा लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें कभी अकेला न छोड़ें। इस उम्र के बच्चों को आपके साथ की बहुत जरूरत होती है। कोशिश करें कि आप खुद भी सावधानी के साथ उनके खेल में शामिल होते रहे।
2. पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे
जिन बच्चों की उम्र पांच वर्ष से कम और दो से अधिक हैं उन बच्चों को अपनी शरीरिक गतिविधियों में भागना, रस्सी कूदना, साइकिल चलाना, डांसिग, तैराकी शामिल करनी चाहिए। इन बच्चों के लिए टीवी देखना, गाड़ी या बस में लंबा सफर करना उनके स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए अच्छा नहीं होगा। इससे बच्चो मोबाइल से भी दूर रहेंगे और उनकी सेहत भी अच्छी रहेगी।
3. टाईम टेबल बनाएं
बच्चों को व्यायाम करने के साथ नियमित दिनचर्या का होना भी बहुत जरूरी है। शुरू से ही इनके मनोरंजन साधन जैसे टीवी देखना, वीडियो गेम खेलना आदि टाईमटेबल के अनुसार ही होनी चाहिए। इससे उन्हें शुरू से ही समय पर उठने की आदत पड़ेगी और व्यायाम करने में भी कोई मुश्किल नहीं होगी। यही आदत उसकी सफल जिंदगी में काम आएगी।
4. बच्चे की पसंद का भी रखें ख्याल
मानसिक और शरीरिक विकास के लिए बच्चे की पसंद अनुसार गतिविधि चुनें। ज्यादातर बाहर घूमना, तैरना, फुटबॉल खेलना और नृत्य करना आदि उनकी मनपसंद गतिविधियां होती हैं।
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