मां बनना हर औरत के लिए सौभाग्य की बात है। वैसे तो ज्यादातर महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी ही करवाना चाहती है लेकिन कई बार गर्भावस्था में कॉम्प्लिकेशन के कारण नॉर्मल न होकर सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस दशक में सिजेरियन डिलीवरी में दोगुणा वृद्धि हुई है लेकिन क्या आप जानते है यह डिलीवरी महिला और शिशु, दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। इसकी कारण नार्मल की बजाए सिजेरियन में महिलाओं को अपनी सेहत का ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है। आज हम आपको यहां बताएंगे कि सिजेरियन डिलीवरी कराने से मां और शिशु को क्या-क्या नुकसान हो सकते है।
1. कमजोरी आना
नॉर्मल की बजाए सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में अधिक कमजोरी आ जाती है। डिलीवरी के समय शरीर से निकलने वाले रक्त की मात्रा नार्मल की बजाए सिजेरियन में दुगुनी होती है।
2. नकारात्मक असर
डिलीवरी के बाद हर महिला को अपने खान-पान का खास ख्याल रखना पड़ता है। मगर सिजेरियन के बाद खान-पान में लापरवाही आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके अनदेखी मां और शिशु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है।
3. मोटापा
सिजेरियन डिलीवरी के बाद शरीर में मोटापा बढ़ने के साथ-साथ कुछ ऐसे बदलाव होते है, जोकि बीमारियों को जन्म देते हैं। इसके अलावा मोटापा बढ़ने की संभावना शिशु में भी हो सकती है।
4. ब्रोंकाइटिस का खतरा
जन्म के बाद शिशु का शरीर कमजोर होने के कारण जल्दी बीमारियों की चपेट में आ जाता है लेकिन सिजेरियन डिलीवरी से जन्में बच्चे में प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर होने के कारण ब्रोंकाइटिस और एलर्जी का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
5. शिशु का कमजोर होना
इस डिलवरी में जन्म लेने वाले बच्चों की प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर होती है, जिसके कारण वो जल्दी बीमारियों की चपेट में आ जाते है। इसलिए कोशिश करें कि आपकी नॉर्मल डिलीवरी ही हो।
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