पेरेंटिंग: इन दिनों सिजेरियन डिलीवरी आम होती जा रही है। कुछ महिलाएं डिलीवरी का दर्द न सहने की वजह से सिजेरियन के द्वारा बच्चे को जन्म दे रही है। ऐसा नहीं की महिला दर्द से बचने के लिए ही इसका सहारा लेती है, कुछ महिलाओं की डिलीवरी में कॉम्प्लिकेशन आने की वजह से भी सिजेरियन तकनीक का सहारा लेना पड़ता है। कुछ लोगों को मानना है कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद दूसरा बच्चा नॉर्मल डिलीवरी से नहीं हो सकता लेकिन यह बिल्कुल गलत है। सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलीवरी आसानी से हो सकती है। आइए जानते है कैसे।
- महिला पर निर्भर
भले ही नॉर्मल डिलीवरी में ज्यादा दर्द सहना पड़ता है, लेकिन यह सिजेरियन से बेहतर है। अगर महिला डिलीवरी के बाद प्रोपर डाइट और आराम के साथ व्यायाम का ध्यान रखे तो वह 6 हफ्ते के अंदर पहले जैसे फिट हो सकती है। सिजेरियन महिला को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह सब बाते प्रैग्नेंट महिला पर निर्भर करती है।
- गर्भधारण
कुछ डॉक्टरों का कहना है कि पहली सिजेरियन डिलीवरी के बाद दूसरा बच्चा नॉर्मल होता है। इसके अलावा महिला इसके बाद कितनी मर्जी बार गर्भधारण कर सकती है, उसे ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
- बच्चे का वजन
सिजेरियन डिलीवरी के बाद अगर दूसरा बच्चा नॉर्मल डिलीवरी से चाहिए तो ऐसे में बच्चे का वजन संतुलित होना चाहिए। अगर बच्चे का वजन नॉर्मल से अधिक हो तो उस महिला को नॉर्मल डिलीवरी में दिक्कत आती है।
- इंफैक्शन से बचाव
डॉक्टरों के मुताबिक अगर पहली सिजेरियन डिलीवरी के कारणमां के पेट में किसी तरह की इंफैक्शन हो जाएं तो उसका दूसरा बच्चा नॉर्मल होना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
- बच्चे की पोजिशन
अगर आप चाहती है कि दूसरा बच्चा नॉर्मल डिलीवरीसे हो तो समय-समय पर अल्ट्रासाउंड कराते रहें, ताकि आपको बच्चे की पोजिशन का पताचलता रहे। अगर बच्चे की पोजिशन सही न हो तो नॉर्मल डिलीवर के चांसेज घट जाते है।