पंजाब केसरी (सेहत) : गर्मियों में कार से सफर करते वक्त अक्सर लोग एयर कंडीशन चला कर रखते हैं। ज्यादा लंबे सफर में चालक तो कार ड्राइव करता है लेकिन पीछे बैठे लोग कई बार सो जाते हैं। कार में इंजन के कारण कार्बन मोनोऑक्साइड गैस इकठ्ठी हो जाती है जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है और कई बार तो दम घुटने की वजह से व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। इसलिए हमेशा कार में एसी का इस्तेमाल करते वक्त कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
एयर कंडीशन के चलते सेहत को नुकसान -
- एसी चलने के दौरान कार के शीशे बंद होते हैं जिससे सांस द्वारा छोड़ी कार्बनडाईऑक्साइड गैस भी कार के अंदर ही रहती है और इंजन से निकली मोनोऑक्साइड गैस भी एसी के रास्ते कार में प्रवेश कर जाती है। जिससे सांस लेने से शरीर में ये दोनों गैसें चली जाती है जो सेहत को नुकसान पहुंचाती है।
- कार में मौजूद ऑक्सीजन सांस के साथ अंदर चली जाती है और कार्बनडाइआक्साइड गैस ज्यादा हो जाती है जो धीरे-धीरे शरीर के अंदर चली जाती है। कार में सोए हुए व्यक्ति को इस बात का बिल्कुल ध्यान नहीं रहता कि उसके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही है।
- शरीर में कार्बनडाईआक्साइड की मात्रा ज्यादा होने की वजह से व्यक्ति को सांस लेने में मुश्किल होती है और कई बार तो दम घुटने की वजह से मौत भी हो जाती है।
- एयर कंडीशन के दौरान कार में मोनोऑक्साइड गैस इकठ्ठी हो जाती है। इसकी गंध बहुत हल्की होती है जो सोया व्यक्ति महसूस नहीं कर पाता।
ध्यान में रखने वाली बातें -
1. कार में एसी चला कर सोने से पहले थोड़ा सा शीशा खोल लें जिससे साफ हवा कार के अंदर आएगी और सांस लेने में मुश्किल नहीं होगी।
2. कार के एसी से अंदर तो ठंडा हो जाता है लेकिन इसकी वजह से इंजन काफी गर्म हो जाता है जिससे कई बार हादसा भी हो सकता है। इसलिए हर 6 महीने के बाद कार के एयर कंडीशन को जरूर चेक करवाएं।
3. कई बार कार का एसी अच्छी तरह ठंडक नहीं करता या रूक-रूक कर चलता है तो ऐसे में तुरंत उसे बंद कर दें ताकी कोई हादसा न हो।
4. लंबे सफर में जाना है तो हो सके कार के अंदर न सोएं। आराम करने के लिए किसी हॉटल या रैस्ट हाउस में रूकें।