मंदिर जाना धार्मिक होने के साथ-साथ अच्छी सेहत की भी निशानी है। आप शायद यह नहीं जानते होंगे कि मंदिर में घंटी बजाने,माथा टेकने, प्रार्थना करने से भगवान का आशिर्वाद मिलता है। इसके साथ ही बहुत से प्रैशर प्वांइट एक्टिव हो जाते हैं, जिससे कई तरह की सेहत से जुड़ी परेशानियों सेे भी राहत मिलती है।
बी पी कंट्रोल
मंदिर में नंगे पांव चलने से पैरों के प्रैशर प्वांइट पर दवाब पड़ता है। जिससे बी पी कंट्रोल रहता है और बॉडी को पॉजीटीव एनर्जी मिलती है।
एकाग्रता बढ़ाएं
माथे पर तिलक लगाने से भौहों के बीच दवाब पड़ता है। जिससे एकाग्रता बढ़ती है और मन शांत रहता है।
भरपूर एनर्जी
मंदिर की घंटी बजाने से इसकी आवाज कानों में गूजती है। जिससे एनर्जी लैवल बढ़ता है और बॉडी के प्वांइट भी एक्टिव हो जाते हैं।
इम्यूनिटी में सुधार
मंदिर में जब दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं तो इससे हाथों के प्वाइंट पर दवाब पड़ता है। जिससे बॉडी के कई फक्शन एक्टिव हो जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो जाती है।
वायरल इंफैक्शन का खतरा कम
मंदिर में धूप,हवन सामग्री का धुआ और दीपक जलते हैं। जो बैक्टिरिया को मुक्त करने का भी काम करते हैं। इससे किसी भी तरह की वायरल इंफैक्शन का खतरा कम हो जाता है।
डिप्रैशन दूर
रोजाना मंदिर जाकर भजन,आरती करने से दिमाग परेशानी से मुक्त हो जाता है। तालिया बजाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और दिमाग भी फ्रैश हो जाता है। डिप्रैशन दूर करने में यह बेहद मददगार है।