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बर्थ कंट्रोल पिल्स का करते हैं सेवन तो जरूर जान लें ये बातें

  • Updated: 12 Aug, 2017 02:03 PM
बर्थ कंट्रोल पिल्स का करते हैं सेवन तो जरूर जान लें ये बातें

अक्सर महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती है। इन गोलियों को लेते समय उन्हें इस बात की टैंशन होती है कि इससे उन्हें किसी तरह की नुकसान न हों। उनका ये सोचना काफी हद तक ठीक भी है। एक रिर्सच के द्धारा इस बात को सामने लाया गया है कि इन गोलियों का बुरा असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। इसलिए इन गोलियों का इस्तेमाल करने से पहले आप डॉक्टर से सलाह जरुर लें।

 

1. हार्मोन लेवल पर निर्भर
इन पिल्स के साइड इफ्केट का अलग महिलाओं के हार्मोन लेवल पर निर्भर करता है। जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है उन पर ये पिल्स ज्यादा असर डालती है। कुछ महिलाएं के हार्मोनस में इन के बुरे बैक्टीरिया से लड़ने की ताकत होती है, जिससे इन पिल्स का उन पर बुरा असर नहीं पड़ता है। इसके अलावा अक्सर बीमार रहने वाली महिलाएं इन गोलियों का शिकार जल्दी बनती है।

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2. गर्भनिरोधक गोलियों का चुनाव
अक्सर महिलाएं इन पिल्स को लेने से पहले उन्हें डॉक्टर से सलाह लेना जरुरी नहीं समझती। जिसके कारण उन्हें इसके बुरे असर का सामना करना पड़ता है। कुछ महिलाएं तो इसके बारे में पूछने से इतना झिझकती है कि चोरी से इन गोलियों को लेना शुरु कर देती है लेकिन ऐसा करके आप अपनी सेहत के लिए खतरा पैदा कर रही है। ऐसा करने पर आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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3. गोलियों की शरुआत
दरअसल इन गोलियों की शुरुआत अभी नहीं हुई, बल्कि इनकी शुरुआत 60 केे दशक से हो चुकी है। 60 के दशक की पहली जनरेशन इन पिल्स का इस्तेमाल करती थी लेकिन इसके साइड इफ्केट्स को देखकर इन पिल्स को बंद कर दिया गया। इन्ही गोलियों में बदलाव करके उन्हें दूसरी, तीसरी, और चौथी जनरेशन के लिए दोबारा लांच किया गया। इनमें से दूसरी और तीसरी जनरेशन की गोलियों के साइड इफ्केट दिखने पर इन्हें बंद कर दिया गया। अब मार्किट में सिर्फ चौथी जनरेशन की गोलियां ही मिलती है।

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4. डॉक्टर से परार्मश
चौथी जनर्शन की गोलियां अमेरिका और यूरोप में ज्यादा मात्रा मे बिकती है। हालाकिं भारत में इन गोलियों का प्रयोग कम किया जा रहा है लेकिन फिर भी जो महिलाएं इन गोलियां का इस्तेमाल करती है उनके लिए ये खतरे की बात है। ज्यादातर महिलाएं इन गोलियों को लेने से पहले डॉकटर से सलाह नहीं लेती।

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5. बीमारियों का खतरा
इन दवाइयों के लगातार इस्तेमाल से महिलाओं के शरीर में खून के थक्के बनने शुरु हो जाते है, जिससे प्रैग्नेंट होने पर महिलाओं को प्रसव के दौरान खतरा रहता है। इसके साथ ही इसका बुरा असर प्रैग्नेंसी के समय होने वाले बच्चे पर भी पड़ सकता है। इसके अलावा इन पिल्स से महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा भी दोगुणा बढ़ जाता है।
 

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