साड़ी एक सुंदर परिधान है । अधिकांश भारतीय महिलाओं की कलैक्शन में अलग-अलग तरह की साड़ियां देखने को मिलती हैं । जब इसे सही ढंग से पहना जाता है, तो यह महिला को बहुत सुंदर लुक प्रदान करती है । भारत में लगभग हर राज्य की साड़ी की अलग-अलग विशेषता है और विशेष शैली है जो इसे खास बनाती है । यही कारण है कि हर महिला अपने पास एक पारंपरिक स्टाइल की साड़ी जरूर रखती है । यहां आप को विभिन्न राज्यों एवं सस्कृतियों की कुछ अच्छी साड़ियों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप अपनी कलैक्शन में शामिल कर अपने वार्डरोब की शोभा बढ़ा सकती हैं ।
गुजरात और राजस्थान की ये ट्रैडीशनल साड़ियां बंधेज एवं बांधनी के नाम से जानी जाती हैं । टाई और डाई वाली ये साड़ियां अपने में बहुत से रंगों और डिजाइनों को समेटे रहती हैं । परंपरागत लाल, हरी, पीली या हल्की गुलाबी रंग की बंधेज साड़ी पहनने वाली को पूरी तरह से राजसी लुक देती हैं ।
सदाबहार पटोला साड़ी
गुजरात की ही एक और ट्रैडिशनल साड़ी है पटोला, जिन्हें शानो-शौकत का पर्याय समझा जाता है । इनके जटिल डिजाइन ही इन्हें महंगा बनाते हैं । खूबसूरती से बनाए गए ज्यामितीय आकृतियों के डिजाइन और इनके परंपरागत रंग सभी देखने वालों को आकर्षित कर लेते हैं ।
कांजीवरम की साड़ी
इनका नाम कांचीपुरम के नाम पर पड़ा है जहां से इनकी शुरूआत हुई । ये साड़ियां ‘लग्जरी इन सिल्क ’की प्रतीक हैं । इन पर बने जानवरों और पक्षियों के सुंदर चित्र और चमकदार गोल्डन बॉर्डर देखने वाले का ध्यान अपनी ओर सहज ही आकर्षित कर लेते हैं ।
बनारसी साड़ी की छटा
हाथ से बनी और कढ़ाई की हुई बनारसी साड़ी हर भारतीय महिला की पहली पसंद है । आप इन्हें जरदोजी, मीनाकारी, जॉर्जेट और जामावार जैसे विभिन्न फैब्रिक्स में भी ले सकती हैं ।
सुंदर पेठनी साड़ी
महाराष्ट्र की सुंदर पेठनी साड़ियां राज्य की विशेष गुणवत्ता वाली साडिय़ां हैं । पुराने समय में ये गोल्ड और सिल्क की साड़ियां बड़े लोगों के लिए ही आती थीं । ये साड़ियां बहुत से रंगों और बहुत सुंदर डिजाइनों में उपलब्ध हैं । पक्षी, पशु या फिर अजंता एलोरा की गुफाओं के चित्र इनके पल्लू की शोभा बढ़ाते हैं । ये हस्तनिर्मित साड़ियां हर उम्र की महिलाओं की हर उत्सव में शोभा बढ़ाती हैं ।