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माइग्रेन होने के कारण तथा उपचार

  • Updated: 16 Apr, 2015 09:50 AM
माइग्रेन होने के कारण तथा उपचार

माइग्रेन के घरेलू उपाय  : माइग्रेन एक न्यूरोलॉजीकल व्याधि है जिसमें थोड़े-थोड़े अंतरालों पर सिरदर्द के हमले होते हैं । यह सिर के किसी एक क्षेत्र में अत्यधिक कष्टदायक दर्द पैदा करते हैं जिसके साथ उल्टी आना तथा रोशनी और ध्वनि के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता शामिल होते हैं। 4 में से 1 महिला तथा 12 में से 1 पुरुष को जिंदगी में कभी न कभी माइग्रेन की समस्या का सामना करना पड़ता है । माइग्रेन के हमले विभिन्न व्यक्तियों में अलग-अलग हो सकते हैं । 



माइग्रेन के कारण
माइग्रेन के अटैक अधिकतर बिना किसी स्पष्ट कारण के होते हैं। फिर भी माइग्रेन इनके कारण हो सकता है-पनीर, चॉकलेट, अजीनोमोटो या थायरामाइन वाला भोजन तथा कुछ किस्म की वाइन के सेवन से, अल्कोहल या सिट्रस से भरपूर खाद्यों से, धूम्रपान तथा तेज गंध से, अवसाद, बेचैनी, गुस्सा, थकान तथा तनाव जैसी भावनात्मक समस्याओं से, गर्भनिरोधक तथा नींद की गोलियों के नियमित सेवन से, महिलाओं में हार्मोनल चेंजिस से, अत्यधिक सघन शारीरिक गतिविधि से जिसमें सैक्स संबंधी गतिविधि भी शामिल है, मासिक चक्र  से, अनियमित कार्य घंटों के कारण, नींद के पैट्रन तथा रजोनिवृत्ति के कारण। 


ब्रेन ट्यूमर के उपचार
माइग्रेन का इलाज नहीं किया जा सकता परन्तु समय-समय पर जांच तथा सही दवाओं के सेवन से आप इसे नियंत्रित कर सकते हैं। माइग्रेन को काबू में करने का पहला कदम है कि इसे पैदा करने वाले कारक की पहचान की जाए और उससे बचा जाए। 



दूसरा कदम है अत्यधिक सघन अटैक का इलाज करना, विभिन्न प्रकार की दवाएं माइग्रेन के गंभीर हमलों का उपचार करने के लिए तैयार की गई हैं। माइग्रेन के हमलों की गंभीरता पर निर्भर दो किस्म की दवाएं उपलब्ध हैं। 



दर्द निवारक दवाएं: ऐसी दवाओं का मुख्य फोकस पहले ही शुरू हो चुके माइग्रेन के लक्षणों से राहत दिलाना होता है।



ट्रिपटान्स : ये दवाएं माइग्रेन के हमले के शुरू होने से पहले ही ली जाती हैं। ऐसी दवाओं की अधिक से अधिक खुराक सिर्फ और सिर्फ डाक्टर द्वारा सुझाई जानी चाहिए।

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