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Nari

संगीत है सर्वश्रेष्ठ औषधि

  • Updated: 20 Mar, 2015 09:15 AM
संगीत है सर्वश्रेष्ठ औषधि

संगीत आत्मा की अभिव्यक्ति है । इसका शरीर तथा मन पर अपने आप प्रभाव पड़ता है । यह हर प्रकार की भावनाओं को जगाता है जिनमें ऊर्जा से लेकर एकाकीपन, कोमलता तथा कठोरता, अभिमान तथा शांति शामिल हैं । मैडीकल विशेषज्ञों का मानना है कि संगीत की तरंगों में मानवीय शरीर तथा मन के लिए बहुत अच्छी शक्ति मौजूद होती है ।

नवजन्मे बच्चे पर संगीत के प्रभावों को जांचने के लिए करवाए गए एक अध्ययन के मुताबिक तनावग्रस्त बच्चों को 3 किस्म का संगीत सुनने से लाभ मिलता है : 
1. हृदय गति की ध्वनि जैसे गर्भ में बच्चा मां की हृदय गति की आवाज सुनता है ।
2. गर्भ में ही तरल के प्रवाह की ध्वनियां जो बच्चा सुनता है ।
3. मां की लोरियां जो वह उसी की आवाज में सुनता है ।
ये सभी ध्वनियां बच्चे को शांत करने में सहायक होती हैं और उसे बेहतर ढंग से खाने तथा नींद लेने में सहायता करती हैं । अन्य अध्ययनों में यह देखा गया कि एमरजैंसी रूम्स में दाखिल मरीजों के साथ-साथ ही शारीरिक पीड़ा से ग्रस्त मरीजों में पैदा तनाव तथा बेचैनी को कम करने में संगीत बहुत सहायक हो सकता है । संगीत शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन को कम करके शरीर पर एक सकारात्मक प्रभाव डालता है । यह  हार्मोन तब पैदा होता है जब हम तनाव में होते हैं । इसके साथ ही संगीत शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की प्रतिक्रिया में भी सुधार लाता है । 

पारंपरिक संगीत थैरेपी संगीत थैरेपी मानव जाति जितनी ही पुरानी है । सभी पारंपरिक उपचार पद्धतियों में संगीत का इस्तेमाल किया जाता है । उदाहरण के लिए योगा की ‘बंबल बी ब्रीदिंग टैक्नीक’ (ब्रह्मरी) में तर्जनियों से दोनों कानों को बंद किया जाता है और फिर हल्के से भिनभिनाहट का स्वर निकाला जाता है । इससे ब्लड प्रैशर सामान्य होता है । 

तिब्बत की ‘सिंगिग बोल्स’ बड़ी-बड़ी कटोरियां होती हैं जिन्हें एक लकड़ी से छनकाया जाता है ताकि एक गहरी नम्र ध्वनि पैदा की जा सके जिसका शरीर पर बहुत ही आरामदायक प्रभाव पड़ता है । इसके परिणामस्वरूप बहुत अच्छी नींद आती है । सभी संस्कृतियों में मंत्रोच्चारण को मैडीटेशन तथा रिलैक्सेशन टैक्नीक्स के हिस्से के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है ।

 

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