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Nari

मन में क्यों चलती है दुविधाएं

  • Updated: 26 Feb, 2015 10:47 AM
मन में क्यों चलती है दुविधाएं

हर किसी के मन में दुविधाएं तो चलती ही रहती हैं । कोई भी नया कदम उठाने से पहले हम कई बार सोचते हैं, परंतु स्वयं पर विश्वास रख कर अपनी दुविधा को खत्म करें । फिर जो आप चाहती हैं, वह आपको अवश्य मिलेगा । अपने जीवन के प्रति ईमानदार रहें, किसी भी लालच को खुद पर हावी न होने दें । जीवन में ऐसी  परिस्थितियां आती हैं, जो न चाहते हुए भी मन में नकारात्मक सोच ले आती हैं, जिसका असर हमारी कार्यशैली, सफलता और रूटीन पर पड़ता है ।

इसके लिए स्वस्थ रहना  जरूरी है, क्योंकि स्वस्थ रहेंगे तभी तो कुछ अच्छा सोच पाएंगे । अपने खान-पान और एक्सरसाइज की तरफ पूरा ध्यान दें । जीवन में दोस्तों के महत्व को दरकिनार नहीं किया जा सकता, क्योंकि दोस्तों के अभाव में हम स्वयं को बहुत अकेला महसूस करते हैं । जब भी अपने दोस्त से मिलें, तो भले आपका मूड कितना ही ऑफ क्यों न हो, मुस्कुरा कर मिलें । इससे उसे भी महसूस होगा कि वह आपके जीवन में कितना महत्वपूर्ण है । इस तरह वह भी आप के लिए वह सब करने को तैयार हो जाएगा, जो आप उसके लिए करते हैं ।

जीवन में हर समय काम करते रहना ही सफलता के लिए जरूरी नहीं है, बल्कि उसके लिए आपको स्वयं को तैयार करना होगा और ऊर्जा जुटानी होगी । शोर-शराबे के संगीत की अपेक्षा  मधुर संगीत सुनें। यह मन को सुकून देगा, दोस्तों के साथ पार्टीज में शामिल हो कर एंज्वाय करें, यह आपको बोरियत से निकाल कर प्रफुल्लित करेगा । बच्चों के साथ गेम्ज खेलें, ये आपको नई ऊर्जा देंगी ।

यदि नृत्य या अभिनय का शौक है, तो सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें । अपने जीवन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए व्यावहारिकता के साथ जीना सीखें, कल्पनाओं की दुनिया में रहेंगे तो एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे । इसलिए जो भी बात करें या योजना दूसरों के सामने रखें, वह कल्पना पर नहीं, बल्कि सच्चाई एवं व्यावहारिकता पर आधारित होनी चाहिए ।

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