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स्तनों में लम्पः रहें स्तर्क

  • Updated: 18 Feb, 2015 04:17 PM
स्तनों में लम्पः रहें स्तर्क
स्तन रूपांतरित स्वेद ग्रंथियां है, जो दुग्ध उत्पन्न करती हैं और यह दुग्ध नवजात और छोटे बच्चों के पीने के काम आता है। कई बार बच्चे को दूध न पिलाने तथा अन्य कारणों से इनमें लम्पज बनने लगतें हैं।
 
 
स्तनों में लम्प हो जाने के अनेक कारण हैं। इनमें से कुछ कारण तो हानि विहीन होते हैं जबकि अन्य कुछ दर्द भरे अथवा खतरनाक भी हो सकते हैं। इसमें संक्रमण, चोट, कैंसरविहीन फोड़ा या कैंसर भी शामिल है।
 
 
अपने आप करें स्तन परीक्षण  
 
 
1. कन्धों को सीधा करके और बाहों को नितम्बों पर रखते हुए अपने स्तनों को शीशे में देखना शुरू करें। आपको देखना है  स्तन अपने सामान्य आकार, माप और रंग के हैं। उनका आकार बराबर है - कहीं कोई विकास अथवा सूजन दिखाई न दे। यदि आपको निम्नलिखित कोई भी बदलाव नजर आए तो एकदम डाक्टर को बताएं।  त्वचा में कहीं गड्डे हो रहे हैं, सिकुड़न या फैलाव आ रहा है , निप्पल की जगह बदल गई है या अन्दर की ओर धस गया है (बाहर की ओर उभरे रहने की अपेक्षा)  लालिमा, कड़ापन, रैश या सूजन।
 
 2. अब अपनी बांह को ऊपर उठाकर उन्ही बदलावों को पुनः देखें।
 
 3. शीशे में देखते देखते निप्पल को अंगुली और अंगुठे के बीच दबाएं और निप्पल से होने वाले स्राव को परखें (वह दूध जैसा तरल पदार्थ या रक्त हो सकता है)
 
 4. आप लेटकर अपे स्तनों को महसूस करें, बायें सतन को जांचने के लिए बांये का और दायें स्तन को जांचने के लेए बांये हाथ को इस्तेमाल करें। हाथ की पहली कुछ अंगुलियों को सीधा रखकर और मिलाकर दृढ़ परन्तु कोमल स्पर्श का प्रयोग करें।
 
 5.अन्ततः खड़े होकर या बैठकर अपने स्तनों को जांचें। चौथे चरण में बताई गई प्रक्रिया से पूरे स्तन को भली भांति जांचे।

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