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महिलाएं अपने टेलैंट को पहचानें और उसे इनकम का साधन बनाएं

  • Updated: 23 Jan, 2015 09:27 AM
महिलाएं अपने टेलैंट को पहचानें और उसे इनकम का साधन बनाएं

बहुत-सी महिलाएं अपना टाइम पास करने के लिए अनेक प्रकार के शौक अपनाती हैं। फिर वह शौक उनके टेलैंट का हिस्सा बन जाता है। लोग उनके हुनर की तारीफ भी करते हैं। अब यदि उसी शौक को अपनी आय का जरिया बना लिया जाए तो पैसे के साथ-साथ अनेक लोगों की तारीफ तो मिलेगी ही, साथ ही आपका नाम भी होगा।

रिचा को सॉफ्ट ट्वॉयज बनाने का शौक था, उसने बाकायदा इसकी ट्रेनिंग भी ली थी। शादी से पहले वह अपने दोस्तों को खास अवसरों पर सॉफ्ट ट्वॉयज बना कर गिफ्ट किया करती थी। शादी के बाद घर-गृहस्थी में ऐसी उलझी कि शौक कहीं पीछे ही छूट गया। फिर बेटी हुई तो उसके लिए कई तरह के सॉफ्ट ट्वॉयज, कुर्सी, ब्लॉक्स इत्यादि वह खुद ही बनाने लगी। धीरे-धीरे उसकी कलैक्शन उसके सर्कल में लोकप्रिय हुई तो बाकी लोगों ने भी डिमांड करनी शुरू की। बेटी के बड़े होते-होते उसका यह टेलैंट उसके करियर में बदल गया और वह घर बैठे ही कमाई करने लगी। अपने बिजनैस को बढ़ाने के लिए उसने खिलौनों में बाद में आने वाली डैमेज को भी फ्री में रिपेयर करने का रास्ता अपना लिया जिससे लोगों में उसके प्रोडक्ट्स को लेकर एक विश्वास बनने लगा।
 
मानिका को कुकिंग का बेहद शौक था। इसलिए उसने घर पर ही कुकिंग क्लासें आरंभ कर दींं। कई तरह के फ्यूजन, इंडियन, थाई तथा कांटीनैंटल व्यंजन बनाने का हुनर होने के कारण अब वह केवल अपने रसोई घर तक ही सीमित नहीं रह गई है।
शेफाली को कम्प्यूटर की काफी नॉलेज थी परंतु पसंदीदा नौकरी न मिलने के कारण उसने अपना खर्च निकालने के लिए घर पर ही कम्प्यूटर की क्लासें आरंभ कर दीं। कुछ ही वर्षों में उसका बच्चों की क्लासों से शुरू हुआ सफर इंस्टीच्यूट में बदल गया।
 
हाथ से न निकलने दें वक्त
ज्यादातर गृहिणियां यह सोच कर अपना समय बर्बाद कर देती हैं कि वे करना तो बहुत कुछ चाहती हैं परंतु कैसे और कहां से करें, यह उन्हें समझ नहीं आता। इस तरह से उनकी उम्र निकलती जाती है। टेलैंट होने के बावजूद उन्हें घर-परिवार के कामों से फुर्सत नहीं मिलती। उन्हें लगता है कि यदि उन्होंने नौकरी या अपना बिजनैस करना शुरू किया तो उनके पति और बच्चों की देखभाल कहीं पीछे छूट जाएगी। बच्चों और पति की देखभाल के नाम पर वे सारा दिन टी.वी. सीरियल देख कर या गप्पें लड़ा कर अपना समय व्यर्थ गंवा देती हैं जबकि वे अपने पांवों पर खड़े होकर और अपनी मेहनत से घर के खर्च में हाथ बंटा सकती हैं।
 
महिलाओं में अधिक कौशल
पुरुषों के मुकाबले देखा जाए तो औरतों के पास घर पर काम करने के मौके हमेशा ज्यादा रहते हैं क्योंकि बहुत से हुनर उन्हें विरासत में मिलते हैं और बहुत-सी चीजें वे सहेलियों और रिश्तेदारों से सीख जाती हैं। इसके अलावा तकनीकी कौशल में भी आज महिलाएं पीछे नहीं हैं परंतु घर-परिवार की देखभाल के कारण वे खुद ही अपनी प्रतिभा को दबा लेती हैं।  देखा जाए तो अधिकांश गृहिणियां खाली समय में अपने शौक को काम में बदल कर अच्छी-खासी कमाई कर सकती हैं।
 
समय का सदुपयोग
पति के दफ्तर और बच्चों के स्कूल जाने के बाद आपके पास जो खाली समय बचता है आप उसका बढिय़ा इस्तेमाल कर सकती हैं। 
 
घर का कामकाज निपटाने के बाद आप अपनी हॉबी को डिवैल्प कर सकती हैं। ऊपर दिए उदाहरणों में औरतों ने इसकी मिसाल कायम की है क्योंकि उन्होंने अपने खाली बचे समय में ही अपने टेलैंट को अच्छी कमाई का साधन बना लिया।
 
आप फ्लॉवर मेकिंग, डॉल मेकिंग, एम्ब्रायडरी, पेंटिंग, कम्प्यूटर जॉब वर्क, जैम, जैली एवं अचार आदि बनाने जैसे अनेक काम शुरू कर दूसरों को भी इससे जोड़ सकती हैं। इससे आप अपने समय का बेहतर इस्तेमाल तो करेंगी ही, साथ ही अपने काम को बड़े लैवल तक ले जा सकती हैं।
 
जरूरी है टाइम मैनेजमैंट
गृहिणियां टाइम मैनेजमैंट को सही ढंग से सीख कर अपने खाली समय का बेहतर उपयोग कर अपने शौक को ही डिवैल्प नहीं कर सकतीं, बल्कि अच्छी कमाई भी कर सकती हैं। घर के छोटे-मोटे काम निपटाने के बाद, नहा-धो कर उनके पास पर्याप्त समय होता है अर्थात दिन में 12 बजे से शाम के 5 बजे तक वे घर पर ही रह कर कोई काम आरंभ कर सकती हैं।
 
घर के काम का बहाना बनाने वाली महिलाओं को यह समझना चाहिए कि वे अपने खाली समय का सही उपयोग कर अपने घर का स्टेट्स बेहतर बनाने में अपने पति की बहुत बड़ी मददगार साबित हो सकती हैं। इससे कुछ करने की संतुष्टि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगी।
                                                                                                                               —हेमा शर्मा, चंडीगढ़

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