चाहे कोई पारिवारिक समारोह होता था या नायर तथा नानावटी अस्पताल में डाक्टरों की गैदरिंग, जहां उनके पति काम किया करते थे, ज्योत्सना अंतानी हमेशा ही सबसे प्रशंसा प्राप्त करती थीं। 74 वर्षीय ज्योत्सना में 5 भाषाओं यानी अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, मराठी तथा संस्कृत को उल्टे क्रम में बोलने की असाधारण क्षमता है। जैसे ही वह किसी को बोलते या समाचार पत्र पढ़ते हुए सुनती हैं तो एकदम उल्ट क्रम में उन पंक्तियों को दोहरा देती हैं।
असाधारण प्रतिभा वाली ज्योत्सना इन भाषाओं को विपरीत क्रम में बोल कर सबका ध्यान आकर्षित कर लेती हैं। जामनगर, गुजरात के एक मदरसे की भूतपूर्व अध्यापिका ज्योत्सना अब मुम्बई के बोरीवली स्थित अशोक वन में रहती हैं। उन्होंने विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित भजनों की 6 पुस्तकें प्रकाशित करवाई हैं।
ज्योत्सना का कहना है कि प्रत्येक शब्द के वर्णों को उल्टा करने में उनका दिमाग ही असली क्रिया करता है। वह बताती हैं, ‘‘बचपन में मैं अपने पिता के साथ कार में उनके ऑफिस जाया करती थी। जैसे ही हम घर से चलते तो मैं रास्ते में लगे बोर्डों तथा दुकानों के नाम पढ़ा करती और उन्हें उल्टे क्रम में बोलती। धीरे-धीरे यह मेरी आदत बन गई। पहले मैंने शब्दों, फिर वाक्यों और फिर पूरे पैरा को उल्टा दोहराना शुरू कर दिया। मैंने गुजराती में ऐसा करने से शुरूआत की थी।
उसके बाद कई अन्य भाषाएं इस प्रक्रिया में जुड़ती गईं जिनमें संस्कृत भी शामिल है जिसमें मुझे विशेज्ञता प्राप्त है।’’
उनकी पुत्रवधू शीतल, जो पिछले 20 वर्षों से उनकी इस कला की प्रशंसक हैं, बताती हैं, ‘‘जो लोग इन्हें चुनौती देते हैं वे इनके द्वारा दोहराए गए उल्ट क्रम को समझ नहीं पाते। इसलिए हम इनके द्वारा बोला गया सब कुछ रिकार्ड कर लेेते हैं और फिर संबंंधित व्यक्ति को पुष्टि के लिए सुना देते हैं। पड़ोस के बच्चे इनसे बहुत अधिक प्रभावित होते हैं और इन्हें यह सिखाने के लिए हमेशा कहते हैं।’’
ज्योत्सना अब रिकॉर्ड बुक्स में अपना नाम दर्ज करवाने की इच्छा रखती हैं। वह कहती हैं ‘‘अब मैं गिनीज, लिम्का तथा एशिया जैसी विभिन्न रिकार्ड बुक्स की वैबसाइटें जांचने में अपना अधिकतर समय बिताती हूं। मेरी तरह ही कई लोगों ने उल्ट क्रम में लिखने के रिकार्ड बनाए हैं। हो सकता है कि मेरा नाम भी इन रिकार्ड्स में शामिल हो जाए।’’