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इन महिलाओं के लिए सेक्स है एक 'नशा'

  • Updated: 26 Nov, 2013 05:23 PM
इन महिलाओं के लिए सेक्स है एक 'नशा'

किसी भी चीज की लत हमेशा गलत होती है, चाहे वो शराब की हो, जुआ खेलने की हो हो या फिर सेक्‍स की। अब आप सोच रहे होंगे कि किसी को सेक्‍स की लत भी लग सकती है और अगर हां तो इसका शिकार पुरुष ही होते होंगे। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाएं भी सेक्स की लत की शिकार होती हैं। महिलाओं के लिए यह एक नशे की तरह है या आप कह सकते हैं कि यह एक बीमारी है। इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

इस बीमारी में महिलाएं चौबीसों घंटे सेक्स के बारे में ही सोचती रहती हैं। फिर, चाहे वर्क प्लेस पर हों, दोस्तों के साथ मौज मस्ती कर रही हों या अपने मम्मी-पापा के साथ टाइम स्पेंड कर रही हों। उनके दिमाग में सिर्फ एक ही बात होती है कि वो किसी दोस्त या अजनबी से मिलें और जल्दी ही उसके बिस्‍तर पर हों। वे सेक्‍स की इस कदर एडिक्‍ट हो जाती हैं कि कभी-कभी एक दिन में 6 या 7 बार भी सेक्‍स करती हैं। यह एडिक्‍शन किसी भी महिला की जिंदगी तबाह कर सकती है। वह कई तरह के सेक्‍स इंफेक्‍शन से पीड़ित हो सकती है। वे बेहद अकेलापन महसूस करती हैं और उन्हें लगता है कि उसके अकेलेपन का इलाज सिर्फ सेक्स है।

कारण और रोकथाम के उपाय
इस लत की वजह सेक्स एजुकेशन का अभाव और जागरूकता की कमी है। हालांकि, सीबीएसई और आइसीएसई के सिलेबस में सेक्स एजुकेशन शामिल है लेकिन बावजूद इसके देश के कई राज्यों ने इस पर बैन लगा रखा है, जिससे यौन व्यवहार के बारे में समझ नहीं बन पाती। हालांकि जिन स्कूलों में सेक्स एजुकेशन दी भी जाती है वहां पर भी इसके बारे में बच्चे न तो खुल कर पूछ पाते हैं और न ही टीचर्स ही क्लास में सहजता से बता पाते हैं। पैरेंटस अगर चाहें तो अपने बच्चों को उनकी सेस्सुअलिटी के साथ सहज बना सकते हैं।

- बचपन से ही बच्चों को उनकी उम्र के मुताबिक सेक्स संबंधी बातों की जानकारी देना शुरू कर दें।
- अगर आपका बच्चा आपसे सेक्स के संबंध में कुछ सवाल पूछ रहा है तो उसे सेक्स के बारे में तथ्यात्मक जानकारी दें। दोस्ताना माहौल में उसकी क्वेरीज़ क्लीयर कर दें।
- अगर मां-बाप बच्चों से इस संबंध में खुलकर बात न कर पाएं तो वे किसी प्रोफेशनल की मदद भी ले सकते हैं।

सेक्स की लत पडऩे की कोई एक वजह नहीं होती, हालांकि सेक्सोलॉजिस्ट्स का मानना है कि ऐसे मामलों में अचानक वृद्धि इसलिए हुई है क्योंकि बढ़ती अश्लील सामग्री और जानकारी के अभाव से परिपक्वता (प्यूबर्टी) की उम्र 14-15 साल से घटकर 11-12 साल हो गई है। अकसर ऐसा भी होता है कि सेक्स की लत अन्य गंभीर बीमारियों के दुष्प्रभावों से पैदा हो जाए। इस बीमारी का इकलौता इलाज सामान्य और असामान्य यौन व्यवहार के बीच के फर्क की पहचान करवाना है। इन बातों से आप जान सकते हैं कि आपको सेक्स की लत तो नहीं

- क्या आप सेक्स को लेकर कोई गोपनीय सोच रखते हैं या दोहरी जिंदगी जी रहे हैं?
- अपनी सेक्स की इच्छा की वजह से आप कभी ऐसी जगह पर भी सेक्स कर चुकी है, जिसे आप अन्यथा कभी नहीं चुनती?
- क्या आप यौनोउत्तेजक सामगरी खोजती हैं?
- क्या सेक्स की आपकी इच्छा ने आप में अकेलापन पैदा कर दिया हैं?

अमेरिका जैसे देश ने भी सेक्स की लत को 2012 में एक मानसिक विकृति करार दिया है। भारत में यह समस्या अब भी अपने शुरुआती दौर में है लेकिन उत्तेजना फैलाने वाली सामग्री की मौजूदगी ओर यौन जागरूकता तथा उपचार की कमी के मद्देनजर वह दिन दूर नहीं जब यह लत एक महामारी बनकर देश के सामने खड़ी होगी।

 

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