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सुपर वुमन के साथ बनें जागरूक ग्राहक

  • Updated: 13 Nov, 2013 02:34 PM
सुपर वुमन के साथ बनें जागरूक ग्राहक

यूं तो सब लोग आपको सुपर वुमन कहते हैं परंतु क्या खरीदारी करने से पहले क्वालिटी, मात्रा और कीमत जैसे मापदंडों को ध्यान में रखती हैं..., अगर ऐसा नहीं है तो आज से ही एक ग्राहक के तौर पर खुद को बेहतरीन साबित करने की कोशिश शुरू कर दें। यह मुश्किल नहीं है बस अपने अधिकारों को जानिए और उनका लाभ उठाएं।

बिल बहुत है जरूरी

बिल लेकर क्या करना है, इस सोच को बदलें क्योंकि आपके द्वारा लिया बिल खराब प्रोडक्ट से छुटकारा दिला सकता है। दुकानदार अगर सामान वापस नहीं करेगा तो बदलेगा तो जरूर। इस बात का ध्यान रखें कि कच्चे बिल की अपेक्षा पिं्रटेड पक्का बिल लें क्योंकि पक्का बिल ही उपभोक्ता फोरम में क्लेम में सबूत के तौर पर काम आ सकता है। इसके लिए जरूरी है कि खरीदारी का बिल संभाल कर रखें। खाने-पीने के सामान की खरीदारी करें तो एक्सपायरी डेट जरूर जांच लें।

खरीदारी से पहले पढ़ें शर्तें
आम तौर पर ब्रोशर में प्रोडक्ट से जुड़ी शर्तें लिखी होती हैं जैसे किस स्थिति में विक्रेता की क्या जिम्मेदारी होगी और आपके क्या-क्या हक होंगे। कब आप सामान वापसी के लिए ला सकते हैं और कब यह वापस नहीं हो पाएगा। कुछ ऐसी ही बातें नियम व शर्तों के हैड में लिखी होती हैं। बड़ी कीमत का सामान खरीदें तो इन्हें जरूर पढ़ लें क्योंकि अगर दुकानदार ने जिम्मेदारी नहीं ली तो आप घाटे में आ जाएंगी।

पैकिंग रखें संभाल कर
जो सामान खरीद कर लाएं उसके ब्रोशर और पैकिंग को संभाल कर रख लें। एक पैकेट बना लें, जिसमें इस तरह के पेपर ही रखे हों। फ्रिज और वॉशिंग मशीन के डिब्बे को भी फैंके नहीं। बड़े के अंदर छोटा और छोटे के अंदर और छोटा डिब्बा डाल कर स्टोर रूम में डाल दें। अगर कभी उपभोक्ता फोरम में जाने की नौबत नहीं भी आई तो जब कभी सामान को कहीं और शिफ्ट करना हो तो इन्हीं डिब्बों में रख कर काम चल जाएगा।

गुणवत्ता और गारंटी भी जांचें
आप हमेशा से परिवार की सुरक्षा और सेहत को लेकर सजग रही हैं। आप जो प्रोडक्ट खरीद कर ला रही हैं उसमें लगी आई.एस.आई. और एगमार्क की मोहर अवश्य देख लें। इसके साथ गारंटी कितने समय की है, इस पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि गारंटी के समय के अंदर तो आप पूरे हक से प्रोडक्ट को बदलवा सकती हैं।

पांच जानकारियों वाला लेबल देखा क्या
किसी भी चीज की एक मैन्युफैक्चरिंग डेट यानी बनने की तारीख होती है और एक्सपाइरी डेट यानी खराब होने की तारीख होती है जो प्रोडक्ट पर लिखी रहती है। एक्सपाइरी डेट निकलने के बाद अगर आप इसे खरीद रही हैं तो वह भी गलत है। आप दुकानदार से कह कर इसे तुरंत बदल लें। इसके अलावा प्रोडक्ट की कीमत, सामग्री, मात्रा और इस्तेमाल करने का तरीका अवश्य जांच लें। कंज्यूमर एक्ट यह सारी जानकारी वाला लेबल मुहैया कराने की बात कहता है इसलिए आप इस लेबल को जांच कर ही खरीदारी करें।

कब कर सकती हैं शिकायत
*  अगर प्रोडक्ट में कोई दोष है
*  अगर आपको प्रोडक्ट पर लिखी कीमत से ज्यादा भुगतान करना पड़ा है।
*  जानलेवा वस्तु का व्यापार
*  सेवाओं में कमी आ सकते हैं ये परिणाम
* सामान की कमी दूर करना
* बदलकर नया सामान देना
* उपभोक्ता को सामान के पैसे वापस देना
* उपभोक्ता को उसकी परेशानी के हिसाब से हर्जाना देना
* चेतावनी देना कि सेवाएं बेहतर करें तथा खतरनाक वस्तुओं का व्यापार बंद करें

कैसे करें अपील
सबसे पहले कंपनी को नोटिस भेजें। अगर नियत समय के अंदर निपटारा नहीं हो तो कानूनी सहायता लें। इसके लिए आपको जिला उपभोक्ता फोरम में अपील करनी होगी फिर 21 दिनों के भीतर तय होगा कि अदालत मुकद्दमा दायर करेगी या नहीं। इतना ही समय विपक्ष को जानकारी भेजने में लगाया जाता है और एक महीने के अंदर विपक्ष को जवाब देना होता है। यदि फैसला आने पर भी आप असंतुष्ट हैं तो 30 दिनों के अंदर स्टेट कमीशन में अपील कर सकती हैं। इसके बाद नैशनल कमीशन में अपील का मौका भी मिलता है।

जब लिखनी हो शिकायत
अगर आप एक उपभोक्ता के तौर पर सच में ठगा हुआ महसूस कर रही हैं तो लिखित में अपनी शिकायत दें। एडवाइस सैंटर और इससे जुड़ी दूसरी संस्थाओं को एप्लीकेशन लिख रही हैं तो इन बातों का ध्यान रखें-

*  नाम और पूरा पता लिखें।
*  परेशानी को कम शब्दों में खरीदारी की जगह और तारीख के साथ लिखें।
*  परेशानी हल करने के लिए अभी तक की गई कार्रवाई का उल्लेख करें।
*  निश्चित समय के अंदर जवाब मांगें।
*  अभी तक आपने जो भी कार्रवाई की है उससे जुड़े कागजात की कॉपी संलग्न करें।
*  प्रोडक्ट से जुड़े कागजात जैसे वारंटी एवं रसीद आदि की कॉपी भी भेजें।
*  जो कागजात भेजें उनकी एक कॉपी अपने पास रखें और डाक या कोरियर से भेजने की तारीख नोट कर लें।   

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