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Nari

बच्चे का पढ़ाई में नहीं लगता मन तो जान ले इसकी वजहें

  • Updated: 03 Jun, 2017 12:15 PM
बच्चे का पढ़ाई में नहीं लगता मन तो जान ले इसकी वजहें

पंजाब केसरी (पेरेंटिंग): हर मां-बाप का सपना होता है कि उनका बच्चा पढ़-लिख कर अच्छा और कामयाब इंसान बने लेकिन अधिकतर बच्चे ऐसे है, जिनका पढ़ाई में जरा भी ध्यान नहीं होता। उनका क्लास में मन पढ़ाई पर लगने के बजाएं इधर-उधर भटक जाता है। चाहें बच्चा लाखा कोशिश करें पढ़ने की लेकिन उसका ध्यान फिर भी पढ़ाई पर नहीं रहता है। जिस वजह से वह बच्चा अपने पेरेंट्स और स्कूल टिचर्स की नफरत का पात्र बन जाता है। अगर आपके बच्चे का भी पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगता है तो उसे समझने की कोशिश करें न कि उसपर अधिक दबाव डालें। उन वजहों के बारे में पता लगाने की कोशिश करें कि अाखिर क्यों आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लग पा रहा। आज हम आपको कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में बताएंगे, जिनकी वजह अक्सर बच्चे पढ़ाई के मार्ग में काफी पीछे रह जाते है। 

 

1. तनाव

बदलते लाइफस्टाइल और प्रतियोगिताभरी जिंदगी में बच्चे तनाव जैसी समस्या का काफी शिकार हो रहे है। पढ़ाई और खेलकूद के क्षेत्र में पेरेंट्स अपने बच्चों पर बेहतर प्रदर्शन का दवाब इस कदर डाल देते है कि वह धीरे-धीरे डिप्रैशन में जाने लगता है, जिससे बच्चे की सोचने-समझने की शक्ति खत्म होने लगती है। 

2. पारिवारिक बिखराव

अधिकतर बच्चों के तनाव का कारण उनके खुद के माता-पिता होते है। दरअसल, मां-बाप बच्चों के सामने लड़ाई-झगड़ा करने लगते है, जिसका सीधा असर उनपर होता है और वह सोचने लगते है कि कहीं उनके बीच लड़ाई का कारण मैं ही तो नहीं। इससे बच्चे काफी अकेलापन और तनाव महसूस करने लगता है। 

3. कम खेलकूद

ऐसा माना जाता है कि पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ खेलना-कूदना भी बेहद जरूरी है। इससे बच्चे को विकास और दिमाग शांत रहता है। साथ ही उनकी सीखने और समझने की क्षमता में काफी सुधार आता है। बेहतर होगा कि अपने बच्चे को किताबी कीड़ा बनाने के बजाएं उसका ध्यान खेलकूद की तरफ भी लगाएं। 

4. इलेक्ट्रॉनिक खेल की लत

बच्चे को ज्यादा मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक चीजें जैसे कंप्यूटर, स्मार्ट फोन, गैम्स आदि खेलने को न दे। दिन में केवल 5 घंटे ही उन्हे कंप्यूटर स्क्रीन पर बैठने दे। इससे उनको तनाव की समस्या से नहीं गुजरना पड़ेगा। 

5. चीनी का सेवन 

बच्चों मीठी चीजें जैसे केक, मिठाइयां, कोक और पेप्सी जैसी कार्बोनेटेड ड्रिंक्स खाने के बहुत शौकिन होते है। शोध के मुलाबिक, ज्यादा मीठे का संबंध तनाव से है। इसलिए बच्चों के ज्यादा चीनी के सेवन से बचाएं क्योंकि चीनी दिमाग के विकास के हार्मोन को भी प्रभावित करती है। 

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