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सिर्फ लाल ही क्यों है प्यार का रंग, जानिए क्या है इसका इतिहास?

  • Updated: 26 Mar, 2018 06:09 PM
सिर्फ लाल ही क्यों है प्यार का रंग, जानिए क्या है इसका इतिहास?

कहते है कि हर रंग का अपना अलग महत्तव होता है। जब हम किसी से प्यार का करते है, तो लाल रंग के फूल जरूर देते है। वेलैंटाइन डे वाले दिन भी कपल्स एक-दूसरे को लाल गुलाब अपने दिल की बात कहते है क्योंकि लाल रंग को प्यार का रंग कहा जाता है, लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि सिर्फ लाल ही प्यार का रंग कैसे माना गया। अगर आप भी इस सवाल का जवाब चाहते है तो आइए जानते है इसका इतिहास और इस रंग के लिए की गई कुछ रिसर्च।  

 


लाल रंग किसका है प्रतीक?
चीन के लोगों का मानना है कि लाल रंग भाग्य और शांति का प्रतीक है। तभी तो दुल्हनें शादी के दिन लाल जोड़ा पहनी है। लाल रंग को पॉवरफुल कहा जाता है क्योंकि यह रंग जल्द ही हर किसी को अपनी ओर अट्रैक्ट कर लेता है। हमारी संस्‍कृति से लेकर ट्रैफिक सिग्‍नल पर रूकने तक के लिए लाल रंग को अहमियत दी जाती है। मध्य युग से ही लाल रंग के झंडे को किले के ऊपर लगाकर शत्रु को आक्रमण का संकेत दिया जाता था। ऐतिहासिक रूप से लाल रंग साहस और त्‍याग का प्रतीक माना जाता है। वहीं लाल रंग गुस्‍से और आक्रोश को भी दर्शाता है क्योंकि यह युद्ध के देवता मंगल का प्रतीक है।

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कैसे बना प्यार का रंग?
इस रंग का महत्तव इतिहास से भी जुड़ा है। दरअसल, 13वीं शताब्‍दी में प्रसिद्ध फ्रेंच कविता रोमन डे ला रोज़ में एक बगीचे में लेखक लाल रंग का फूल ढूंढ रहा है। उसकी कविता में लाल रंग का फूल उसके जीवन में स्‍त्री प्रेम की तलाश है।  इसके अलावा लाल रंग का प्रेम से संबंध भी है क्योंकि लाल रंग शारीरिक आकर्षण से जुड़ा हुआ है।

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स्टडी के अनुसार लाल अट्रैक्टिव रंग?
एक स्टडी के मुताबिक,  पुरुषों को महिलाओं की अलग-अलग तस्‍वीरें दिखाई गईं जिनमें पुरूषों ने लाल रंग के ड्रैस पहनी हुई महिला को ज्यादा आर्कषित बताया, जिससे मान गया कि रैड कलर किसी को अपनी ओर आर्कषित करने की शक्ति रखता है। इसलिए लिए इसे प्यार और सेक्‍शुएलिटी से जोड़कर देखा जाता है। 

 

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