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सारी उम्र बेटे से परेशान रहे Sunil Dutt, जानें उनकी जिदंगी की कुछ अनसुनी बातें

  • Updated: 06 Jun, 2017 05:09 PM
सारी उम्र बेटे से परेशान रहे Sunil Dutt, जानें उनकी जिदंगी की कुछ अनसुनी बातें

पंजाब केसरी (लाइफस्टाइल) : अपने समय के मशहूर एक्टर सुनील दत्त का जन्म 6 जून 1928 को हुआ था। आज अगर वे इस दुनिया में होते तो 89 साल के हो गए होते। उनका जन्म झेलम जिले के खुर्दी गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। सुनीन दत्त ने कई मशहूर फिल्मों में काम किया और खूब नाम कमाया। इन्होंने अपने करियर की शुरूआत 1955 में फिल्म रेलवे स्टेशन से की लेकिन 1957 में बनी फिल्म मदर इंडिया से सुनील दत्त को शौहरत हासिल हुई। इस फिल्म में इनकी सह-कलाकार नर्गिस को एक आग हादसे से बचाने के बाद दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया और इनके घर तीन बच्चे हुए लेकिन फिल्म में नर्गिस ने सुनील दत्त की मां का रोल अदा किया था।

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बेटे से परेशान
सुनील दत्त ने अपनी परिवारिक जिदंगी में काफी परेशानियां देखी। पहले कैंसर के चलते उन्होेंने अपनी पत्नी नर्गिस को हमेशा के लिए खो दिया और बाद में बेटे संजय दत्त की बुरी आदतों की वजह से परेशान रहते थे। संजय दत्त का 1993 के मुंबई बम धमाको में नाम आया था और उन्हें नशे की बुरी लत भी पड़ चुकी थी जिस वजह से पिता सुनील दत्त काफी तनाव में रहते थे।
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बंटवारे का दर्द
सुनील दत्त पहले बॉलीवुड अभिनेता हैं जिन्होंने बंटवारे का दर्द और जमीनी लड़ाईयां देखी। जब वह 5 साल के थे तो उनके पिता का निधन हो गया। हिंदू-मुस्लिम दंगों के बीच सुनील दत्त के पिता के दोस्त याकूब नाम के एक मुस्लमान ने उनके परिवार की सुरक्षा की और उनके परिवार को हरियाणा के यमुनानगर जिले के एक छोटे से गांव मंडौली में बसाया। इसके बाद उनका परिवार लखनऊ शिफ्ट हो गया और यहीं से वह अपनी ग्रैजुएशन पूरी करके मुंबई आ गए।
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रेडियो अनाउंसर से राजनीतिज्ञ
बॉलीवुड में आने से पहले सुनील दत्त एक रेडियो स्टेशन में अनाउंसर का काम करते थे। इस काम से वह काफी फेमस हुए और फिर बॉलीवुड फिल्मों में अभिनय शुरू किया। सुनील दत्त ने अपने करियर में करीब 100 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया। इसके अलावा सुनील दत्त 2004-05 में मनमोहन सिंह सरकार में युवा मामलों और खेल विभाग में कैबिनेट मंत्री रहे। जिसे आज उनकी बेटी प्रिया दत्त संभाल रही है।

दिल का दौरा पड़ने से मौत
सुनील दत्त को कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरूस्कार के अलावा पद्मश्री अवार्ड भी मिला। अपनी सारी जिदंगी शांति और एकता को बनाए रखने वाले सुनील दत्त ने 25 मई 2005 को मुंबई में आखिरी सांस ली। दिल को दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया। इनकी आखिरी फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस थी जिसमें उन्होंने अपने बेटे संजय दत्त के पिता का रोल ही निभाया था। आज भी दुनिया में सुनील दत्त को सभी याद करते हैं।

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