आजकल लड़कियां फैशनलेबल और स्टाइलिश दिखने के लिए नाक छिदवाना पसंद करती हैं। नाक छिदवाना भारतीय संस्कृति और परंपरा के हिसाब से बहुत जरूरी माना जाता है। बहुत कम लड़कियां जानती है कि यह स्त्री की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ भारतीय परंपरा के हिसाब से बहुत अच्छा भी है। पहले नाक छिदवाने का चलन कम हो गया था लेकिन आजकल इसका ट्रैंड काफी तेजी से चल रहा है। आजकल तो लड़कियां ट्रैंड के हिसाब से कई तरह के नोज रिंग पहनना पसंद करती है। आज हम आपको बताएंगे कि भारतीय परंपरा के अनुसार महिलाओं का नाक छिदवाना क्यों जरूरी समझा जाता है।
वैसे तो नाक छिदवाने की कोई उम्र नहीं होती है लेकिन फिर भी ज्यादातर लड़कियां बचपन या किशोरावस्था में ही नाक छिदवाती है। महिलाओं के सोलह श्रृंगार में से एक चीज नथ या लोंग पहनना भी है, जिसके लिए नाक छिदवाना पड़ता है। इसके अलावा 16वी सदी से चली आ ये प्रछा शास्त्रों के हिसाब से भी जरूरी मानी जाती है।
वेदों और शास्त्रों में लिखा गया है कि नाक छिदवाने से महिला को माहवारी पीड़ा से राहत मिलती है। इसके अलावा इससे शिशु को जन्म देने में आसानी होने के साथ सिरदर्द से भी निजात मिलता है। नाक छिदवाने के बाद शरीर के प्रेशर पॉइंट्स प्रभावित होते हैं, जिससे शरीर के खास हिस्सों पर दबाव पड़ता है। दबाव पड़ने के कारण जो हॉर्मोन पैदा होते है उसके कारण दर्द होने में मदद मिलती है।
जिस तरह चाईनीज एक्यूपंक्चर के जरीए लोगों को दर्द से राहत मिलती है उसी तरह नाक छिदवाने से भी महिलाओं को कई तरह के दर्द से राहत मिल जाती है।
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