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...तो इसलिए महिलाएं नही जाती हैं अंतिम संस्कार के समय श्मशान घाट

  • Updated: 08 Feb, 2018 04:35 PM
...तो इसलिए महिलाएं नही जाती हैं अंतिम संस्कार के समय श्मशान घाट

आज के समय में जहां महिलाएं हर क्षेत्र में आगे है। वहीं आज भी महिलाओं को कुछ काम करने के राइट्स नहीं है। शास्त्रों के अनुसार महिलाएं कुछ काम नहीं कर सकती, जिनमें से अंतिम संस्कार न करना भी एक है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार महिलाओं को अंतिम संस्कार करने का अधिकार नहीं है। महिलाओं को इसका हक न देने के कारण सिर्फ कुछ तथ्यों पर ही आधारित हैं। सदियों से इन परंपरा का पालन कर रहें लोग आज के इस मार्डेन समय में भी महिलाओं को अंतिम संस्कार के समय श्मशाम में जाने की अनुमति नहीं देते। आइए जानते है किन कारण से महिलाओं का अंतिम संस्कार करना वर्जित माना जाता है।
 

महिलाओं के श्मशान न जाने की वजहें
1. रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार करने से पहले परिवार के सदस्यों को मुंडन करवाना पड़ता है, जोकि महिलाएं नहीं करवा सकती। इसलिए महिलाओं को अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जाता।

2. कहते है कि श्मशान घाट पर रोने से मरने वाले की आत्मा को शांति नहीं मिलती। महिलाओं का दिल कोमल होने के कारण वो जल्दी रो पड़ती है। इसी कारण उन्हें वहां जाने नहीं दिया जाता।

3. श्मशान घाट में चिता को जलते देख महिलाएं डर ना जाएं, यही सोचकर उन्हें अंतिम संस्कार की रस्मों से वर्जित रखा जाता है।

4. मान्यताओं के अनुसार संस्कार से घर लौटने के बाद पुरुषों के पैर धुलवाने और स्नान करवाने के लिए महिलाओं का घर पर रहना बहुत जरूरी होता है। जिसके लिए उन्हें घर पर ही छोड़ कर जाया जाता है।

5. ऐसा माना जाता है कि श्मशान में हर समय आत्माओं का वास होता है, जिनसे महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा होता है। क्योंकि ज्यादातर आत्माएं महिलाओं को ही अपना शिकार बनाती है। तो इसलिए महिलाओं को श्मशाम से दूर रखा जाता है।

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