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गर्मी के साथ तेजी से बढ़ रहा है ओजोन का खतरा

  • Updated: 05 Jun, 2017 11:59 AM
गर्मी के साथ तेजी से बढ़ रहा है ओजोन का खतरा

पंजाब केसरी(लाइफस्टाइल)- जलवायु में हो रहे बदलाव के साथ तेज गर्मी और बढ़ते तापमान से हानिकारक ओजोन प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है। जिससे दमा और श्वास संबंधी कई बीमारियां उग्र रूप ले सकती हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्था ‘सैंटर फार साइंस एंड एनवायरनमैंट’ (सी.एस.ई.) ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जारी रिपोर्ट में कहा है कि वाहनों और उद्योगों से उत्सर्जित होने वाली विषैली गैसें गर्म तापमान में सूर्य की किरणों के साथ मिलकर जो ‘मिश्रण’ बना रही हैं उससे ओजोन गैस के बनने में मदद मिल रही है।रिपोर्ट में केंद्र सरकार के विज्ञान और पर्यावरण केंद्र (सी.ई.सी.) द्वारा किए गए नए शोध का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस बार प्रचंड गर्मी से पूरे देश और खासकर दिल्ली में ओजोन में काफी बढ़ौतरी हुई है।


 

सी.ई.सी. का यह शोध 2016 की गर्मियों और 2017 के दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के प्रमुख निगरानी केन्द्र से ‘वास्तविक समय वायु गुणवत्ता’ के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है।सी.ई.सी. की प्रदूषण निगरानी कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी के अनुसार दिल्ली और एन.सी.आर. क्षेत्र कई किस्म के प्रदूषक तत्वों की गिरफ्त में हैं। पर्टिकुलेट मैटर की समस्या से निपटने का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ है कि ओजोन के खतरे ने अपना सिर उठाना शुरू कर दिया है। समय रहते इससे निबटने की प्रभावी नीति नहीं बनाई गई तो यह खतरा भीषण रूप ले सकता है।सैंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमैंट का कहना है कि यह मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। आंकड़े बताते हैं कि ओजोन के कारण समय से पहले होने वाली मौतों के मामले भारत में सबसे ज्यादा हैं।
 

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