24 APRWEDNESDAY2024 6:20:31 AM
Life Style

Gudia Padwa में क्यों बांधते हैं 'गुड़ी', जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं

  • Updated: 18 Mar, 2018 06:23 PM
Gudia Padwa में क्यों बांधते हैं 'गुड़ी', जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं

हम लोग नए साल का जश्न साल के सबसे आखिरी दिन यानि 31 दिसंबर को मनाते हैं लेकिन हमारी संस्कृति और हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र महीना साल का पहला महीना होता है। इस दिन को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। महाराष्ट्रा में इस दिन को गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है। कुछ लोग इसे गुढी पाडवा भी कहते हैं। आप भी इस त्योहार के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं तो जानें आखिर क्या इस दिन का महत्व।
 

क्या होती है 'गुड़ी'?
इस दिन लोग गुड़ी की पूजा करते हैं, 'गुड़ी' मुख्य रूप से विजय पताका का चिन्ह है। इसमें बांस या लकड़ी की छड़ी पर कोरी साड़ी लपेटकर इस पर तांबे का लौटा रखा जाता है। इसे नीम और आम की पत्तियां से सजाया जाता है और इस पर गाठी यानि पताशे की माला लपेटी जाती है। जब सूर्यादय होता है तो घर की छत या फिर खिड़की पर इसे लगातर पूजा की जाती है। यह शक्ति की देवी कुण्डलिनी की कृपा दृष्टि की प्राप्ति के लिए भी लगाई जाती है।

PunjabKesari
'गुड़ी पड़वा' से जुड़ी मान्यताएं
इस विजय पताका की पूजा के पीछे बहुत सी मान्यताएं हैं। महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज को बहुत सम्मान दिया जाता है। उनकी वीरता को सम्मानित करते हुए और विजय का जश्न मनाते हुए भी इस दिन को जश्न के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा कुछ लोगों का यह भी मानना है कि भगवान राम, रावण का वध करके इसी दिन आयोध्या वापिस लौटे थे और लोगों ने इस तरह का  विजय पताका लगाकर उनका स्वागत किया था।


नीम का क्या है महत्व 
इस दिन 'गुड़ी पड़वा' को नीम के साथ सजाया जाता है। इसके साथ ही गुड़ या शक्कर के साथ लोग नीम के पत्तों को खाते भी हैं। लोगों का मानना है कि साल के पहले दिन नीम का सेवन करने से साल भर बीमारियां दूर रहती हैं। 


श्रीखण्ड है खास 
'गुड़ी पड़वा' में श्रीखण्ड के साथ भोग लगाया जाता है। यह मीठाई पूजा में विशेष महत्व रखती है। 
 

रंगोली से सजाया जाता है घर 
इस दिन को त्यौहार की तरह ही पूरे जोश और खुशियों के साथ मनाया जाता है। गुड़ा पाड़वा के आसपास रंगोली से सजावट की जाती है। 
PunjabKesari

महाराष्ट्र में होते हैं खास आयोजन
इस दिन गली, मोहल्ले, सोसायटी या किसी खास जगह पर लोग इकट्ठे होकर इसका आयोजन करते हैं। लोग इस दिन लोग पारम्परिक परिधान पहनते हैं और खास तरह का नृत्य करते हैं।  
PunjabKesari

नवरात्रों की भी होती है शुरुआत 
इस दिन को इसलिए भी खास तरीके से मनाया जाता है क्योंकि चैत्र महीने के नवरात्रों की भी इसी दिन से शुरुआत होती है। इस दिन से लगातार नौ दिनों तक मां दुर्गा के अवतारों की आराधना की जाती है। 

 

फैशन, ब्यूटी या हैल्थ महिलाओं से जुड़ी हर जानकारी के लिए इंस्टाल करें NARI APP

Related News