23 APRTUESDAY2024 1:06:16 PM
Life Style

करवा चौथ की व्रत कथा क्यों सुनाई जाती है, जानें

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 08 Oct, 2017 05:35 PM
करवा चौथ की व्रत कथा क्यों सुनाई जाती है, जानें

करवा चौथ के दिन वर्त रखने के बाद शाम को औरतें पूजा करती है और करवा चौथ की कथा (karwa chauth katha )सुनती है। करवा चौथ व्रत कथा (karwa chauth vrat katha ) सुनने का इस दिन बहुत महत्व होता है। इस समय औरतें एक जगह पर इकट्ठी होकर करवा चौथ व्रत कथा  सुनती हैं और थाली बटाती हैं।

करवा चौथ व्रत कथा  (Karwa Chauth ki kahani )

इस प्रकार है करवा चौथ की कथा एक साहूकार के 7 बेटे और 1 बेटी थी उसका नाम वीरावती था। वह अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को वीरावती सहित उसकी सातो भाभीयों ने व्रत रखा। रात को जब साहूकार के सातों लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होने बहन के भी भोजन करने का आग्रह किया। बहन ने भोजन करने से मना कर दिया और कहा भाई, अभी चांद नहीं निकला है। चांद निकलने पर उसे अर्घ्य देकर ही मैं आज भोजन करूंगी।
 

अपनी बहन को भूखी-प्यासी देखकर सारे भाई बहुत दुखी हुए। उन्होने एक पेड पर चढकर अग्नि जला दी और घर आकर बहन को कहा कि चांद निकल आया है। तुम अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करो। साहूकार की बेटी भाइयों द्वारा दिखाए गए चांद को अर्घ्य देकर भोजन कर लिया। इससे उसका व्रत भंग हो गया। जिससे उसका पति बीमार पड़ गया और इस बीमारी में सारा धन लग गया। जब उसे पता चला कि ऐसा व्रत के पूरा न होने के कारण हुआ है तो उसे पश्चाताप हुआ और  गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की। 
 

उसने फिर से विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू किया। इस बार उसने श्रद्धापूर्वक अपना व्रत पूरा किया। उसकी श्रद्धा-भक्ति को देखकर भगवान गणेश जी उस पर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान दिया। उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्त प्रदान करके धन, संपत्ति युक्त कर दिया। 
 

इस व्रत को सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं और श्रद्धापूर्वक करवा चौथ व्रत की कथा सुनती हैं।  
 

Related News