19 APRFRIDAY2024 11:55:40 PM
Life Style

जिंदा मछली खिलाकर हो रहा है लोगों का इलाज

  • Updated: 12 Jun, 2017 05:11 PM
जिंदा मछली खिलाकर हो रहा है लोगों का इलाज

पंजाब केसरी(लाइफस्टाइल)- स्वस्थ्य शरीर हो तो जिंदगी भी अच्छी गुजरती है लेकिन कई बार कुछ रोग शरीर को घेर लेते हैं, जिनकी वजह से जीना भी मुश्किल लगने लगता है। हमारे देश में रोगों से लड़ने के लिए लोग जितना यकीन डॉक्टरी दवाइंयों पर करते हैं,उससे कहीं ज्यादा लोग टोने-टोटकों को भी मानते हैं। हैदराबाद में हर साल जून के महीने में दमा रोगियों का इलाज जिंदा मछली से किया जाता है। ऐसा मान्यता भी है कि लगातार 3 सालों तक यहां आकर जिंदा मछली का प्रसाद खाने से अस्थमा की परेशानी से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है। 


हैदराबाद के नामपल्ली स्टेशन के पास एक बड़े मैदान में इस प्रसाद के लिए दुकाने भी लगाई जाती हैं। यहां पर हर मरल प्रजाति की करीब डेढ़ लाख मछलियों का इंतजाम भी किया जाता है। इसकी खासा बात यह है कि सिर्फ लोग ही यहां पर इस बीमारी के ठीक होने का दावा नहीं करते बल्कि आंध्र-तेलंगाना सरकार भी इसे सपोर्ट करती हैं। आपको बता दें कि मछली का प्रसाद यहां पर 5-8 जून के दिया जाता है। 


आइए जानें इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

PunjabKesari

1. गौड़ फैमिली कर रही है इलाज
यहां पर स्थित चार मीनार इलाके रहने वाली बत्तिनी गौड़ फैमिली लगातार 150 सालों से जिंदा मछली के प्रसाद से लोगों का इलाज कर रही है। लोग भी इससे ठीक होने की बात करते हैं। 

2. देशभर से आते हैं लोग
यहां पर मृगशिरा कार्तिक के मौके पर देशभर से हजारों की तादाद में लोग पहुंचते हैं। प्रसाद लेने के लिए हर उम्र के लोगों की यहां पर लाइन लग जाती है। 

3. मरल प्रजाति की मछलियों से इलाज
रोग का इलाज करने के लिए यहां पर 5 सेंटीमीटर लंबी मरल प्रजाति की मछलियों का ही इस्तेमाल किया जाता है। गौड फैमिली खास आयुर्वेदिक तरीके से बने पीले रंग के प्रसाद में मछली को लपेटकर रोगियों के मुंह में डालते हैं। वो भी जिंदा मछली। 

4. पेट में पहुंचकर मछली करती है असर
इसका इलाज करने वाले लोगों का कहना है कि मुंह के रास्ते पेट में पहुंच कर मछली दमा की बीमारी को ठीक करती है। 

कई बार हो चुका है विरोध

1. इलाज के अनोखे ढंग को लेकर आंध्र प्रदेश, डाक्टर्स एसोसिएशन ने यह मामला कोर्ट में भी उठाया था लेकिन फैसला गौड परिवार के हक में सुनाया गया था। 

2. इस प्रसाद में इस्तेमाल हो रहे कैमिकल के लिए जांच की बात भी की गई थी और 
डॉक्टरों ने इसका विरोध भी किया था। 

Related News